देहरादून:दीपावली में आतिशबाजी करने से उत्तराखंड की आबोहवा बुरी तरह प्रभावित हुई है. स्थिति ये रही कि दिवाली की रात प्रदेश के तमाम शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य से खराब की तरफ चला गया. सबसे बुरी हालत राजधानी देहरादून की रही, जहां दीपावली की रात दून यूनिवर्सिटी में लगी मशीन ने AQI 333 मापा. हालांकि अगले दिन (1 नवंबर) एयर क्वालिटी इंडेक्स घटकर 276 हो गया. खास बात ये थी कि साल 2023 में दिवाली की रात से यह आंकड़ा काफी ज्यादा रहा.
देहरादून में 30 अक्टूबर को 158.6 था AQI:राजधानी देहरादून में 30 अक्टूबर यानी दिवाली से एक दिन पहले तक एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 158.6 था, जोकि देहरादून के दून यूनिवर्सिटी क्षेत्र में 31 अक्टूबर की रात को 333 पहुंच गया. ऋषिकेश शहर में 30 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 95 AQI था, जो दीपावली की सुबह 154 से ज्यादा हो गया. इसी तरह काशीपुर शहर में 30 अक्टूबर को AQI 135 था, जो एक दिन बाद यानी दिवाली की सुबह 263 तक पहुंच गया.
300 से पार पहुंचा देहरादून AQI (video-ETV Bharat) जानिए एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक:Pollution control board के तय मानक के अनुसार जीरो से 50 तक की एयर क्वालिटी इंडेक्स अच्छी मानी जाती है. स्वास्थ्य के लिहाज से पर्यावरण की यह एक अच्छी स्थिति है. इससे अधिक 51 से 100 तक का air quality index संतोषजनक रूप में देखा जाता है. इस इंडेक्स को हल्की समस्या और संवेदनशील लोगों के लिए नुकसानदायक माना जाता है. इसके बाद 101 से 200 तक के एयर क्वालिटी इंडेक्स को सामान्य रूप में देखा जाता है, जिसे लंग्स, अस्थमा और दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए खराब माना जाता है.
300 से पार पहुंचा देहरादून AQI (photo- ETV Bharat) 201 से 300 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स poor:वायु प्रदूषण में खराब स्थिति 201 से 300 तक की मानी जाती है, जिसे खराब (poor) कहा जाता है और इसमें लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. साथ ही अधिकतर लोगों के लिए यह स्थिति समस्या जनक है. इससे खराब स्थिति 301 से 400 तक की मानी जाती है, जिसे very poor माना जाता है और ऐसी स्थिति में ज्यादा समय तक रहने पर शारीरिक कमजोरी की स्थिति बन जाती है. वहीं, इससे खराब स्थिति 401 से 500 एयर क्वालिटी इंडेक्स की होती है, इसे गंभीर स्थिति माना जाता है और इस स्थिति में स्वस्थ लोगों को भी तमाम तरह की बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, जबकि बीमार लोगों के लिए यह स्थिति सबसे ज्यादा नुकसानदायक है.
प्रदूषण का मानक फिर से सामान्य की तरफ लौटा:उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि इस बार लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास किए गए थे, इसके बावजूद प्रदेश के अधिकतर शहरों में दिवाली की रात प्रदूषण की स्थिति सामान्य से खराब की तरफ चली गई थी. उन्होंने कहा कि हरिद्वार शहर में पिछले साल की दिवाली के मुकाबले स्थिति कुछ बेहतर रही है. 1 नवंबर को प्रदूषण में कमी आई है और प्रदूषण का मानक अब फिर से सामान्य की तरफ लौट आया है.
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हुए ये प्रयास:उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इस बार दीपावली से एक हफ्ते पहले से ही निगरानी शुरू कर दी थी. दीपावली से पहले ही लोगों को जागरूक करने के साथ ही तमाम नगर निगम प्रशासन ने पानी के छिड़काव कर प्रदूषण को कम करने की कोशिश की थी. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से भी ड्रोन की मदद से छिड़काव किया गया था, ताकि वायुमंडल में धूल के कणों को कम किया जा सके. वहीं, पर्यावरण प्रदूषण को लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अगले एक हफ्ते तक तमाम शहरों पर निगरानी रखेगा.
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