नई दिल्ली:बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक सामान्य मुलाकात थी और इसे 'समन' कहना गलत होगा. मुख्य सलाहकार यूनुस के साथ बातचीत का अनुरोध कई दिन पहले दर्ज किया गया था और 'बाढ़' से संबंधित घटनाओं से पहले इसकी पुष्टि की गई थी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के गलत बयानों का कोई भी आधिकारिक समर्थन द्विपक्षीय संबंधों के लिए ठीक नहीं है. 'समन' का इस्तेमाल गलत सूचना देने का प्रयास है." उल्लेखनीय है कि यह बैठक प्रोफेसर यूनुस द्वारा बांग्लादेश के पूर्वी जिलों में आई अभूतपूर्व बाढ़ के संबंध में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात के कुछ ही मिनट बाद हुई है. उनके प्रशासन ने इस बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, जिसने बिना किसी पूर्व चेतावनी के पड़ोसी त्रिपुरा से पानी छोड़ दिया.
भारत ने किया खंडन
इससे पहले आज भारत ने बांग्लादेश के इस आरोप का खंडन किया कि बांग्लादेश के आठ जिलों में बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह तथ्यात्मक रूप से गलत है." विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बांग्लादेश की पूर्वी सीमा पर स्थित जिलों में बाढ़ के बारे में बांग्लादेश द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाढ़ त्रिपुरा में गुमटी नदी के ऊपर डंबूर बांध के खुलने से नहीं आई है. विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है.
जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने निकाला मार्च
गौरतलब है कि बांग्लादेश में चल रही स्थिति के बीच जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और एक विरोध मार्च का आयोजन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भारत द्वारा ढाका को सूचित किए बिना डंबूर और गजलडोबा बांधों के जलद्वार खोलने के बाद बाढ़ आई है.