मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'वोट जिहाद' जैसे विवादास्पद शब्दों का इस्तेमाल भारत के चुनाव आयोग (ECI) की जांच के दायरे में है. एक चुनाव अधिकारी ने बुधवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया. फिलहाल मामले का विश्लेषण किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ किरण कुलकर्णी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे शब्दों के इस्तेमाल के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. कुलकर्णी ने कहा, "ईसीआई आगे की कार्रवाई करने से पहले कानूनी, भाषाई और सामाजिक क्षेत्रों में इसके निहितार्थों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहा है. हमें 'वोट जिहाद' जैसे शब्दों से बहुत सावधान रहना चाहिए."
'व्यापक समीक्षा करने के बाद हम उचित निर्णय'
चुनाव अधिकारी ने इसे एक नया शब्द भी बताया, जिस पर कानूनी, भाषाई, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता है. कुलकर्णी ने कहा, "मुख्य चुनाव अधिकारी और ईसीआई के अन्य अधिकारी और मैं इसका विश्लेषण कर रहे हैं और इन सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा करने के बाद हम उचित निर्णय लेंगे."
उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे शब्दों के इस्तेमाल के संभावित प्रभाव पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने के प्रति भी आगाह किया और संभावित परिणामों को ध्यान में रखते हुए इन मुद्दों को सावधानीपूर्वक संभालने का आह्वान किया. चुनाव अधिकारी ने कहा कि यह एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है. शब्दों और उनके संदर्भों को अच्छी तरह से परिभाषित और विश्लेषित करने की आवश्यकता है. नई शब्दावली के लिए कोई सख्त कानूनी ढांचा नहीं है.
नफरत फैलाने वाले भाषण और अन्य चुनावी मुद्दे
कुलकर्णी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग को मिली नफरत फैलाने वाले भाषणों की कुछ शिकायतें वास्तविक पाई गईं और उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत निपटाया जाएगा.