नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से अमेरिकी विदेश विभाग पर लगाए गए आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को कहा कि यह निराशाजनक है कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह के आरोप लगा रही है.
दरअसल, भाजपा ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी विदेश विभाग एक न्यूज पोर्टल को आंशिक रूप से वित्तपोषित करके 'भारत को अस्थिर करने' और 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर करने' का प्रयास कर रहा है.
इस पर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "अमेरिकी सरकार पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का समर्थन करने वाले कार्यक्रमों पर स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है. यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है… अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थक रहा है. स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का अनिवार्य घटक है, जो रचनात्मक बहस को सक्षम बनाता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाता है."
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के आरोप
बीते दिनों भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि अमेरिका के 'डीप स्टेट' में मौजूद तत्वों ने पत्रकारों के एक समूह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर भारत की विकास की कहानी में बाधा डालने के लिए बिना किसी सबूत के निराधार आरोप लगाए. भाजपा सांसद पत्रा ने दावा किया था कि यह सब अमेरिकी विदेश विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है.
पात्रा की यह टिप्पणी अमेरिकी न्याय विभाग और बाजार नियामक प्रतिभूति एंव विनिमय आयोग द्वारा अमेरिकी अदालतों में गौतम अडाणी, उनके भतीजे और उनके समूह पर रिश्वतखोरी, विनिमय धोखाधड़ी और अमेरिकी कानून के अन्य कथित उल्लंघनों के लिए अभियोग दायर करने के कुछ दिनों बाद आई है.
भाजपा ने राहुल गांधी पर एक विदेशी वेब पोर्टल - संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) की रिपोर्ट का हवाला देने के लिए भी हमला किया. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अडाणी समूह और सरकार के साथ उसकी कथित निकटता को निशाना बनाने पर केंद्रित है ताकि निराधार आरोपों के साथ पीएम मोदी को कमजोर किया जा सके.
भाजपा प्रवक्ता ने फ्रांसीसी पोर्टल मीडियापार्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि ओसीसीआरपी को अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस जैसे अन्य डीप स्टेट हस्तियों द्वारा वित्त पोषित किया गया था. उन्होंने कहा था कि डीप स्टेट का स्पष्ट उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर भारत को अस्थिर करना था. इस एजेंडे के पीछे हमेशा अमेरिकी विदेश विभाग रहा है. ओसीसीआरपी ने डीप स्टेट एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक मीडिया टूल के रूप में काम किया है.
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