हिंडनबर्ग ने किया ट्वीट, पोस्ट में लिखा- भारत में जल्द कुछ बड़ा होने वाला है - US Short Seller Hindenburg
US Short Seller Hindenburg possible new India-centric report: अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर भारत में नए खुलासे के संकेत दिए हैं. हालांकि, इसने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया है. यह वही फर्म है जो हाल के वर्षों में अडाणी ग्रुप पर शेयरों की कीमतों में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे.
नई दिल्ली : अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक संदेश पोस्ट किया. इसमें कहा कि भारत में जल्द कुछ बड़ा होने वाला है. यह खुलासा करने की बात अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ शेयर बाजार में अंदरूनी व्यापार और अन्य उल्लंघनों के आरोप प्रकाशित करने के एक साल से अधिक समय बाद आई है. हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट में कहा गया, 'भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होगा.'
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें अडाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया. इसके कारण कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई. उस समय समूह ने इन दावों को खारिज कर दिया था. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में समूह द्वारा शेयर में हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.
यह मामला उन आरोपों से जुड़ा है (शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का हिस्सा) कि अडाणी ने अपने शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी की थी. इन आरोपों के प्रकाशित होने के बाद अडाणी समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई, जो कथित तौर पर 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक थी.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिपोर्ट अडाणी एंटरप्राइजेज द्वारा 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की फॉलो-अप सार्वजनिक पेशकश जारी होने से दो दिन पहले प्रकाशित हुई थी. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है.
इस वर्ष जुलाई में भारत के सबसे वरिष्ठ वकीलों में से एक और भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीनी संबंधों वाले एक अमेरिकी व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को रिपोर्ट देने का काम सौंपा था. इसके कारण जनवरी-फरवरी 2023 में अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.
जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के पीछे अमेरिकी व्यवसायी मार्क किंगडन ने अडाणी समूह पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था. जेठमलानी ने इस वर्ष जुलाई में एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया था कि 'जासूस' अनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अडाणी समूह की कंपनियों पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था.
वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि उन्होंने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) का इस्तेमाल अडाणी के शेयरों की शॉर्ट-सेलिंग के लिए ट्रेडिंग खाता स्थापित करने और भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर लाखों का मुनाफा कमाने के लिए किया. बाद में महेश जेठमलानी ने भी सरकार से उन राजनीतिक आवाजों के चीन के साथ संबंधों की जांच करने का आह्वान किया, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह को निशाना बनाने की कोशिश की थी.
उन्होंने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे चीनी हाथ होने का संकेत दिया, जिसमें भारतीय समूह को निशाना बनाया गया था. उन्होंने कहा कि अडाणी समूह पर हमला हाइफा पोर्ट जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खोने का चीनी प्रतिशोध था. इससे पहले भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी सेबी की रिपोर्ट के बाद हिंडनबर्ग के आरोपों पर अडाणी समूह को क्लीन चिट दे दी थी.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) जांच गठित करने की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. इस वर्ष जून में अडाणी एंटरप्राइजेज की वार्षिक आम बैठक (AGM) को संबोधित करते हुए समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि उन्हें एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारी दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया.
उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारी अखंडता और प्रतिष्ठा पर अभूतपूर्व हमले के बावजूद हमने डटकर मुकाबला किया और यह साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उस नींव को कमजोर नहीं कर सकती जिस पर आपका समूह स्थापित है.'