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कोटा में नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे यूपी निवासी छात्र ने की आत्महत्या - NEET Exam

Suicide in Kota, कोटा में रहकर बीते 1 साल से नीट-यूजी की तैयारी कर रहे कोचिंग छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया है. यह छात्र यूपी के मुरादाबाद निवासी मोहम्मद जैद है. न्यू राजीव गांधी नगर की कंचन रेजीडेंसी में रहकर वह पढ़ाई कर रहा था.

Kota Suicide Case
जवाहर नगर पुलिस थाना

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2024, 9:10 AM IST

Updated : Jan 24, 2024, 12:02 PM IST

पुलिस ने क्या कहा, सुनिए...

कोटा.उत्तर प्रदेश निवासी छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया है. वह कोटा के कोचिंग संस्थान से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था. यह स्टूडेंट कोटा में बीते 1 साल से न्यू राजीव गांधी नगर स्थित कंचन रेजीडेंसी में रह रहा था, जिसने हॉस्टल की कमरे में ही आत्महत्या कर ली. छात्र 18 वर्षीय उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निवासी मोहम्मद जैद है.

जवाहर नगर थाने के नाइट ड्यूटी ऑफिसर देवेंद्र सिंह ने बताया कि न्यू राजीव गांधी नगर में कंचन रेजीडेंसी से मंगलवार रात 9:30 बजे एक छात्र के कमरे में बंद होने की सूचना मिली थी. मौके पर जब दरवाजा खोलकर पुलिस पहुंची, तब मोहम्मद जैद सुसाइड की अवस्था में मिला था. देवेंद्र सिंह का कहना है कि मोहम्मद जैद के गांव और साथ में पढ़ने वाले छात्र भी इस हॉस्टल में रहते हैं. प्रारंभिक बातचीत में उसके दोस्तों ने बताया है कि मोहम्मद जैद रात के समय पढ़ाई करता था और दिन में वह खाना खाकर सो जाता था या फिर घूमने चला जाता था.

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शाम को उसे फोन किया था, लेकिन बात नहीं हुई. जब उसने दरवाजा नहीं खोला, तब दोस्तों ने आवाज दी थी. काफी देर दरवाजा खटखटाया, फिर भी उसने गेट नहीं खोला. इस पर उन्होंने खिड़की से देखा तब मोहम्मद जैद सुसाइड की अवस्था में था. इसके बाद हॉस्टल संचालक और पुलिस को सूचना दी गई. देवेंद्र सिंह का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. वहीं, जीत के परिजनों को सूचना दी गई थी. मृतक छात्र के चाचा कोटा पहुंच गए हैं और कागजी कार्रवाई को करवा रहे हैं. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा.

पुलिस उप अधीक्षक प्रथम भवानी सिंह का कहना है कि जैद के रूम में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. आने वाले दिनों में मोहम्मद जैद की भी परीक्षा होनी थी. संभवत: वह इसी वजह से तनाव में था. यह छात्र 12वीं के बाद दूसरा अटेम्प्ट नीट यूजी का दे रहा था.

हॉस्टल में नहीं थी एंटी सुसाइड रॉड : जिला प्रशासन ने सख्ती करते हुए सभी हॉस्टल में एंटी सुसाइड रॉड लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद जिस हॉस्टल में मोहम्मद जैद रहता था, वहां पर एंटी सुसाइड रॉड नहीं थी. ऐसे में इस सुसाइड के मामले में हॉस्टल संचालक की भी गलती साफ तौर पर नजर आ रही है. अगर पंखे पर एंटी सुसाइड रोड लगा दी जाती है, तो 40 किलो से ज्यादा वजन लटकाने पर पंखा स्प्रिंग की तरह नीचे झूल जाता है. इस तरह से सुसाइड अटेम्प्ट करने वाले बच्चों के बारे में भी पता चल जाता है.

डीएसपी भवानी सिंह का कहना है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर और कोचिंग छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए बनी कमेटी को भी पत्र लिखा जाएगा, ताकि हॉस्टल के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. अगर एंटी सुसाइड रॉड होती तो छात्र को आत्महत्या से बचाया जा सकता था.

बुधवार से शुरू हुई है इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, सघन मॉनिटरिंग की जरूरत : हाल ही में केंद्र सरकार ने भी कोचिंग छात्रों के मामले में गाइडलाइन जारी की है. वहीं, बीते काफी लंबे समय बाद यह आत्महत्या का मामला सामने आया है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सख्ती के बाद शुरू हुए प्रयासों से यह कम तो हुए हैं, लेकिन यह इस साल का पहला मामला जरूर है. जबकि बीते साल करीब दो दर्जन से ज्यादा सुसाइड के मामले सामने आए थे. इनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के छात्र भी शामिल हैं. दूसरी तरफ अब परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं. इसलिए पढ़ाई को लेकर विद्यार्थी तनाव में रहेंगे. आज से ही इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन शुरू हुई है. इसके बाद अन्य प्रवेश परीक्षाएं और बोर्ड एग्जाम भी होंगे. इसीलिए सघन मॉनिटरिंग की आवश्यकता भी एक्सपर्ट मानते हैं.

संचालकों व मालिक पर हो कार्रवाई, सीज कर दिए जाएं हॉस्टल : कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि जिस तरह से इस हॉस्टल के कमरों में पंखों पर एंटी सुसाइड रॉड नहीं है. वैसे कई हॉस्टल संचालित हो रहे हैं. हॉस्टल मालिक व संचालकों पर भी कार्रवाई सख्त होनी चाहिए. जिला प्रशासन के आदेश के बाद सभी को निर्देश जारी किए थे, लेकिन कई संचालक पालना नहीं कर रहे हैं. सभी हॉस्टल संचालकों से जिला प्रशासन को शपथ पत्र लेना चाहिए. जो भी हॉस्टल संचालक शपथ पत्र नहीं देता है या अपने हॉस्टल में पंखों पर एंटी सुसाइड रोड नहीं लगवाता है, उनके खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई भी शुरू होनी चाहिए. यह सभी लोग कोटा को बदनाम करने में जुटे हुए हैं. ऐसे 10 से 20 फीसदी हॉस्टल संचालक शामिल हैं. अधिकांश लीज पर हॉस्टल चलाने वाले संचालक हैं. इन्हें सीज करना चाहिए.

Last Updated : Jan 24, 2024, 12:02 PM IST

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