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बिना शराब-डीजे वाली शादी पर मिलेगी शगुन की राशि, फिजूलखर्ची रोकने की अनोखी पहल - EXPENSIVE WEDDING

शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची और डीजे के शोर को रोकने के लिए पंजाब के बठिंडा के लोगों ने अनोखी पहल शुरू की. पढ़ें.

Expensive wedding
शादी में फिजूलखर्ची. (सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 9, 2025, 5:12 PM IST

बठिंडा: शादी को लोग अपने जीवन का सबसे खास दिन बनाना चाहते हैं. इस दिन को खास बनाने के चक्कर में शराब परोसी जाती है तो तेज आवाज में डीजे बजाने का प्रचलन बढ़ा है. इससे न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ता है बल्कि शादियों में झगड़े और हिंसा की घटनाएं भी बढ़ी हैं. ऐसे में पंजाब के एक गांव ने अनोखी पहल की है. गांव ने फैसला किया है कि जो भी परिवार शादी में सादगी अपनाएगा, उसे 21 हजार रुपये शगुन के तौर पर दिए जाएंगे.

ग्रामीणों की सहमति से लिया फैसला: पंजाब के बठिंडा जिले के कस्बा रामपुरा फूल के नजदीक बल्लो पंचायत ने गांव को नशा मुक्त बनाने तथा शादियों में हो रहे शोषण को समाप्त करने के लिए अहम फैसला लिया है. ग्राम पंचायत बल्लो की महिला सरपंच अमरजीत कौर ने शादियों पर होने वाले अनावश्यक खर्चों को रोकने के लिए ग्राम सभा के सदस्यों की सहमति से सरल विवाह नीति लागू करने का अहम फैसला लिया.

प्रस्ताव में क्या-क्या शर्तें हैंः गांव बल्लो में अगर कोई भी परिवार बिना नशे तथा बिना डीजे के सरल तरीके से शादी करता है तो पंचायत 21 हजार रुपये शगुन देगी. शादी, महलों की बजाय घर पर या खुले में जहां पुरानी विरासत को अपनाया गया हो, वहां पर भी शादी की जा सकती है. इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो जांच करने के बाद शगुन राशि देगी.

क्या कहना है सरपंच काः बल्लो पंचायत की सरपंच अमरजीत कौर ने बताया कि सादगी से शादी करने वाले परिवारों को सम्मानित किया जाएगा और 21 हजार रुपए शगुन राशि के तौर पर दिए जाएंगे. इससे न केवल आपसी भाईचारा बढ़ेगा, बल्कि प्राचीन विरासत को पुनर्जीवित करने में भी मदद मिलेगी. गांव में झगड़े भी कम होंगे.

शादी में फिजूलखर्ची रूकेगीः गांव बल्लो के पंचायत सचिव परमजीत सिंह भुल्लर का कहना है कि नवनिर्वाचित पंचायत शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकेगी. उन्होंने कहा कि शराब और डीजी के कारण अक्सर दो पक्षों के बीच झगड़ा होने की आशंका बनी रहती है. इस वजह से सादगी से शादी करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

पहले भी किये हैं जनहित कार्यः ग्रामीण अवतार सिंह ने बताया कि उनके गांव में इस तरह की गतिविधियां पहले भी होती रही हैं. गांव के बुजुर्गों को शिक्षित करना, गांव से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसके बदले में गुड़ देना, गांव के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली भेजना हो आदि काम किये गये हैं. गुरमीत सिंह मान सेवा सोसायटी द्वारा इस तरह के कई फैसले लिए जा चुके हैं.

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