पटना : देश के गृहमंत्री अमित शाह ने आज पटना के ग्रामीण इलाके पाली से अपनी चुनावी सभा का शंखनाद किया. अपने जोशीले भाषण में अमित शाह ने बड़ी-बड़ी योजनाओं का बखान तो नहीं किया लेकिन, घूम फिर कर उनके निशाने पर कांग्रेस और लालू यादव रहे. क्योंकि लालू यादव पिछड़ी राजनीति के बड़े नेता हैं. अमित शाह ने अपने पूरे भाषण में लालू यादव को इसलिए कोसा क्योंकि उन्होंने राज्य की सरकार में 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे और केंद्र की सरकार में लगातार मंत्री रहे फिर भी पिछड़ा, अति पिछड़ा का कल्याण नहीं हो सका.
निशाने पर लालू और परिवारवाद : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिवारवाद पर भी अपने तरीके से हमला बोला. साथ ही अपनी भाषण में उन्होंने यह भी बता दिया राजद और कांग्रेस ने कितने घोटाले किए हैं. भाजपा नेता ने पाली की सभा में बिहार की 40 की 40 सीटों पर जीतने की अपील की. जाति आधारित गणना के बाद बीजेपी को ओबीसी और ईबीसी की ताकत का अहसास हुआ है.
अगड़ी जाति कोर वोटर :अमित शाह की सभा में पाटलिपुत्र, आरा, काराकाट, औरंगाबाद जहानाबाद लोकसभा से लोग आए थे. भले कार्यक्रम ओबीसी के लिए जनसभा आयोजित किया गया हो लेकिन, इन पांच लोकसभा क्षेत्र में अगड़ी जाति का ठीक-ठाक वर्चस्व है. लेकिन, बीजेपी ने दूर की कौड़ी खेलते हुए ओबीसी के लिए यह बड़ा दाव खेला है. माना जाता है कि अगड़ी जाति बीजेपी के कोर वोटर हैं ऐसे में जो जातियां छिटक रही थी वह ओबीसी की जातियां थी और अमित शाह ने सभा करके उन पर बड़ा दाव खेला है.
ओबीसी-इबीसी डिसाइडिंग फैक्टर :जाति आधारित गणना के बाद बीजेपी के लिए यह ओबीसी और ईबीसी की जातियां इसलिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि, बिहार ओबीसी वर्ग में यादव, कुशवाहा, कुर्मी, बनिया और सूरजापुरी मुस्लिम भी आते हैं. वहीं ईबीसी में तेली, मल्लाह, कानू, धानुक और अंसारी मुस्लिम भी बड़ी संख्या में है. ये जातियां बिहार में डिसाइडिंग फैक्टर है .
ओबीसी और ईबीसी की आबादी पर फोकस: पटना के पाली में ओबीसी का यह कार्यक्रम करके बीजेपी यादव के 14.26 फीसदी, कुशवाहा के 4.21फीसदी, कुर्मी के 2.87 फीसदी, बनिया के 2.31 फीसदी और सूरजापुरी मुस्लिम के 1.87 वोटरों को साधने की बड़ी कोशिश है. वहीं, अति पिछड़ा की बात करें तो तेली समुदाय के 2. 81 फीसदी, मल्लाह 2.60 फीसदी, कानू 2.21 फीसदी, धानुक 2.13 और अंसारी मुस्लिम 3.54 को भी साधने की कोशिश है.
कर्पूरी ठाकुर को सम्मान दिया :अमित शाह ने ओबीसी वोटर को अपने पक्ष में करने लिए अपने भाषण उन्ही तक केंद्रित रखा. पिछली सरकारों में ओबीसी के लिए क्या हुआ नही हुआ इसकी जानकारी दी. यहां तक कि अपने भाषण की शुरुआत अमित शाह ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न जैसे सम्मान देने के साथ की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद इतने सालों तक सत्ता में रहे लेकिन, कर्पूरी ठाकुर का सम्मान इन्होंने नहीं किया. यह सम्मान हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.
'लालू और कांंग्रेस का एक लक्ष्य' : कांग्रेस ने हमेशा परिवार का सम्मान किया. लालू यादव का पूरा जीवन परिवार के लिए है. सोनिया गांधी का जीवन का एक मात्र लक्ष्य है राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना. दलित, पिछड़ा वर्ग, गरीब का यह लोग कभी भला नहीं कर सकते हैं. इनका जब भी भला करेगी तो वह भारतीय जनता पार्टी करेगी.