गुवाहाटी : म्यांमार में उल्फा (आई) के एक शिविर में बंधक बनाए गए मानस बोरगोहेन को आखिरकार थोड़ी राहत मिली है. विद्रोही संगठन ने बोरगोहेन की मौत की सजा को रद्द करने का फैसला किया है, जिसे पहले संगठन के कैडर के भेष में संगठन के शिविरों में जासूसी करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.
सोमवार सुबह एक बयान जारी कर उल्फा (आई) ने मानस बोर्गोहेन को मौत की सजा नहीं देने के फैसले का खुलासा किया है. यह निर्णय आज सुबह प्रतिबंधित संगठनों के संगठनात्मक निचले सदन में बोर्गोहेन के खिलाफ मुकदमे के अंत में लिया गया. मानस बोरगोहेन को 21 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. उल्फा (आई) द्वारा भेजे गए बयान में कहा गया है कि मानस पांच साल तक संगठन की सदस्यता के लिए अयोग्य रहेगा. यानी मानस पांच साल तक उल्फा (आई) का सदस्य नहीं रहेगा. मानस को बिना सदस्य पद के उल्फा (आई) खेमे में रहना होगा.
उल्फा (आई) ने मानस बोरगोहेन का एक और वीडियो भी मीडिया को भेजा है. वीडियो में मानस ने एक बार फिर असम पुलिस पर उन्हें उल्फा (आई) कैंप में भेजने का आरोप लगाया है. उल्फा (आई) के बयान में दावा किया गया कि संगठन की जांच के दौरान सबूतों के साथ गिरफ्तार किए गए मानस बोरगोहेन ने जांच अधिकारी के सामने साजिश योजना के विवरण का खुलासा किया था और खुले तौर पर कई गंभीर अपराधों को कबूल किया था.