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भिलाई के भक्त ने बाबा महाकाल को अर्पित की चांदी की पालकी, काल भैरव ने जाना प्रजा का हालचाल

छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले एक भक्त ने बाबा महाकाल को चांदी की पालकी दान की है. यह दान गुप्त रखा गया है.

UJJAIN MAHAKALESHWAR TEMPLE SECRET DONATION
25 लाख की रजत पालकी की दान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 24, 2024, 9:55 PM IST

उज्जैन:बाबा महाकाल हर साल सावन माह में शाही पालकी पर सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकलते हैं. ऐसी ही एक चांदी की पालकी बाबा के एक भक्त ने गुप्त रूप से महाकाल बाबा को दान की है. भगवान श्री महाकाल के पुरोहित भावेश व्यास और लोकेश व्यास की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले एक भक्त ने रजत पालकी का पूजन अर्चन कर दान की. जिसकी कीमत 25 लाख रुपये है. यह पालकी गुप्त रूप से दान की गई है. दानकर्ता ने अपना नाम गुप्त रखा है.

25 लाख की रजत पालकी की दान

महाकालेश्वर मंदिर में भिलाई के एक भक्त ने चांदी से जड़ी पालकी बाबा महाकाल के लिए अर्पित की है. जिसमें चांदी का वजन लगभग 23 किलो है और लागत 25 लाख रुपये आई है. यह रजत पालकी उज्जैन के ही कारीगर सोनी परिवार द्वारा 100 दिनों में तैयार की गई है. इस पालकी में सूर्य, चंद्रमा और कमल के फूल की शानदार नक्काशी की गई है. पालकी की मजबूती का बखूबी ख्याल रखा गया है.

विधि विधान से हुई पालकी की पूजा-अर्चना (ETV Bharat)

विधि विधान से हुई पूजा-अर्चना

महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर नीरज सिंह, महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ और महंत रामनाथ जी महाराज की उपस्थित में बाबा की रजत पालकी का महाकाल पंडित पुरोहित ने विधि विधान के साथ पूजन अर्चन करवाया.

भिलाई के भक्त ने बाबा महाकाल को अर्पित की चांदी की पालकी (ETV Bharat)

काल भैरव ने जाना प्रजा का हालचाल

महाकाल के सेनापति काल भैरव अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने निकलते हैं. अगहन कृष्ण अष्टमी के पावन अवसर पर रविवार को भगवान काल भैरव की शाही सवारी पूरे धार्मिक उत्साह और परंपरा के साथ निकाली गई. सिंधिया स्टेट के जमाने से यह परंपरा चली आ रही है. इसके पहले श्री कालभैरव मंदिर में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने भगवान का विधिवत पूजन किया. इसके बाद सभा मंडप में पालकी में विराजमान भगवान कालभैरव के रजत मुखारविंद का पूजन कर सवारी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया गया. इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस विभाग की सशस्त्र बल टुकड़ी ने भगवान को सलामी दी.

काल भैरव ने जाना प्रजा का हालचाल (ETV Bharat)

जेल गेट पर किया गया पूजन

परंपरानुसार सवारी भैरवगढ़ केंद्रीय जेल के सामने से गुजरी, जहां जेल प्रशासन ने पालकी का विधिवत पूजन किया. कैदियों ने भगवान की पालकी पर पुष्प वर्षा की और अपने श्रद्धा भाव प्रकट किए. शाही सवारी भैरवगढ़ के पारंपरिक मार्ग से होते हुए सिद्धवट घाट तक पहुंची. इस यात्रा में ढोल-ढमाकों और भक्तों की भीड़ के बीच भगवान का स्वागत किया गया. विशेष रूप से दोपहर में भगवान को सिंधिया राजघराने से आई पगड़ी धारण करवाई गई, जिसने इस सवारी को और अधिक ऐतिहासिक बना दिया.

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