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तिहाड़ ने LG को नहीं भेजा केजरीवाल का लेटर, कहा- ये विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है... - Arvind Kejriwal Letter To Delhi LG

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में एक ऐसा काम किया है, जिसकी वजह से उन्हें जेल अधीक्षक ने नियमों की याद दिलाई है. दरअसल, तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने केजरीवाल को सूचित किया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखा गया उनका पत्र नियमों का दुरुपयोग है. इस पूरे मामले को जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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केजरीवाल ने तिहाड़ के नियमों को तोड़ा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 12, 2024, 8:19 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली सरकार की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उपराज्यपाल के नाम पत्र लिखे जाने पर जेल अधीक्षक ने एतराज जताया है. तिहाड़ प्रशासन ने केजरीवाल को सूचित किया है कि लेटर लिखना दिल्ली जेल नियमों के तहत उन्हें दिए गए "विशेषाधिकारों का दुरुपयोग" था और उपराज्यपाल को नहीं भेजा गया था.

केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र: तिहाड़ की जेल संख्या-2 में बंद केजरीवाल के अधीक्षक विनोद कुमार यादव ने दिल्ली जेल नियम, 2018 के प्रावधानों का हवाला दिया और केजरीवाल को एक पत्र में सलाह दी कि "ऐसी किसी भी अनुचित गतिविधि से दूर रहें" अन्यथा उनके विशेषाधिकार कम कर दिए जाएंगे. पिछले सप्ताह केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा था कि उनकी जगह आतिशी दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय ने मुख्यमंत्री से कोई संचार प्राप्त करने से इनकार किया था.

CM केजरीवाल कथित शराब घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. इसी मामले में ईडी के मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. केजरीवाल को लिखे पत्र में तिहाड़ प्रशासन की तरफ से लिखा है कि "उपरोक्त नियमों को पढ़ने से, यह स्पष्ट है कि आपका संचार अनुमेय संचार में योग्य नहीं है जिसे जेल के बाहर भेजा जा सकता है. केवल निजी काम व परिजनों जैसा नियम है, उन्हें पत्र लिखना स्वीकार्य है. इसलिए उपराज्यपाल को 6 अगस्त 2024 को आपका लिखा पत्र उन्हें नहीं भेजा गया है.

विशेषाधिकारों का दुरुपयोग: जेल अधीक्षक ने कहा है कि विचाराधीन कैदी दिल्ली जेल नियमों के कानूनी प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं, जो उनके अधिकारों और विशेषाधिकारों को सीमित करते हैं. यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आपके 6 अगस्त को सौंपे गए पत्र की सामग्री बिना किसी अधिकार के मीडिया में लीक हो गई. यह दिल्ली जेल नियम, 2018 के तहत आपको दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है.

जेल में बंद कैदियों के लिए पत्र लिखने का नियमःजेल अधीक्षक ने पत्र में जेल के नियम संख्या 588 का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि कैदियों द्वारा लिखे गए सभी पत्रों की सामग्री निजी मामलों तक ही सीमित होगी. नियम 620 (i) का हवाला देते हुए पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि कैदियों को केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों को ही लिखने की अनुमति दी जा सकती है.

नियम में यह भी कहा गया है कि कैदियों को अपने मामलों को संभालने वाले वकीलों के साथ पत्र-व्यवहार करने की भी अनुमति दी जानी चाहिए. पत्र में कहा गया है, "नियम 620 (vii) में प्रावधान है कि 'कोई भी पत्र किसी कैदी को तब तक नहीं दिया जाएगा या उसके द्वारा भेजा नहीं जाएगा, जब तक कि अधीक्षक खुद संतुष्ट न हो जाए कि इसका प्रसारण आपत्तिजनक नहीं है.

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