बलौदाबाजार भाटापारा: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा अभ्यारण में कई सालों बाद अचानक बाघ दिखने से हड़कंप मच गया है. बाघ की सुरक्षा को लेकर वन विभाग सहित प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है. जिला कलेक्टर केएल चौहान ने मंगलवार को बारनवापारा अभ्यारण के आस–पास के सात गांव में धारा 144 लागू कर दी है. जिनमें रवान,मोहदा, कौआबाहरा, मुरुमडीह, छतालडबरा, गजराडीह व दलदली गांव शामिल है. इन सात गावों में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर भी रोक लगाया गया है.
बलौदाबाजार में एक टाइगर की दहशत, सात गांवों में कर्फ्यू - Tiger Terror
बलौदाबाजार भाटापारा जिले में बाघ देखे जाने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में है. कलेक्टर ने बारनवापारा अभ्यारण्य के आसपास 7 गांवों में धारा 144 लागू कर दी है. बाघ की मौजूदगी की वजह से सुरक्षा के नजरिए से यह फैसला लिया गया है. इन क्षेत्रों में आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Apr 10, 2024, 6:13 PM IST
|Updated : Apr 11, 2024, 10:08 AM IST
बाघ की मौजूदगी के चलते हाई अलर्ट: बाघ को पहली बार शिक्षक कांशीराम पटेल ने 7 मार्च को बारनवापारा अभ्यारण सिरपुर रोड में देखा और वीडियो बनाकर वन विभाग को सूचित भी किया. लेकिन वन विभाग ने इसे नजरअंदाज कर दिया. हाल ही में वीडियो वायरल हुई, तब कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया. जिसके बाद से लगातार वन अमला बाघ की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरत रहा है. ग्रामीणों को वन विभाग के अनुमति बगैर जंगलों में जाने पर रोक लगाई गई है.
इलाके में पिछले कई दिनों से घूम रहा बाघ: ग्रामीणों ने दूसरी बार 8 मार्च को बाघ देखने की सूचना वन विभाग को दी. तत्काल वन विभाग ने टीम गठित कर कार्रवाई की. इस दौरान अमलोर, सुकुलबाय में मवेशियों का शिकार किए जाने की सूचना मिली. 12 मार्च को वहां आसपास बाघ के पंजे के निशान मिले. 14 मार्च को बलौदाबाजार वनमण्डल के परिक्षेत्र बल्दाकछार के कर्मचारी ने बाघ को प्रत्यक्ष देखा और पुष्टि की. इसके बाद वन विभाग ने NTCA द्वारा जारी SOP/प्रोटोकॉल का पालन कर नियमानुसार कार्रवाई की शुरु की है.
बाघ की सुरक्षा को लेकर वन विभाग चिंतित:बाघ की सुरक्षा को लेकर वन अमला चिंता में है. क्योंकि जंगलों में शिकारियों द्वारा शिकार के कई तरीके अपनाए जा रहे हैं. वन मंडल के कई इलाकों में शिकारियों ने करंट तार बिछाने, पानी पीने के पोखरों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों में जहर मिलाने, फंदा लगाते रहे हैं. इस वजह से हर साल कई जानवरों की मौत हो जाती है. ऐसे में टाइगर को शिकारियों से सुरक्षित रखना वन विभाग के लिए अभी सबसे बड़ी चुनौती है.
करीब 7 से 8 साल का हो सकता है टाइगर:प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टाइगर की उम्र 7 से 8 साल होगी. टाइगर पूरी तरह स्वस्थ है. छत्तीसगढ़ में पहली बार महासमुंद से टाइगर के लवन रेंज में आने की खबर थी, लेकिन बलौदाबाजार वन मंडल अधिकारी से मामले को गम्भीरता से नहीं लिया गया. पिछले दो-तीन दिनों से वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद बलौदाबाजार कलेक्टर ने संज्ञानल लिया और 7 गांव में धारा 144 लागू किया. बाघ का मूवमेंच 7 मार्च से लगातार चल रहा है. जानकारों के अनुसार, एक दिन में टाइगर 35 से 40 किमी का मूवमेंट कर लेता है. लिहाजा, उसके बारनवापारा अभ्यारण रेंज में आने से एक ओर जहां लोग रोमांचित हैं. वहीं, वन विभाग के लिए टाइगर की सुरक्षा चुनौती बनी हुई है.
बाघ को ट्रेक करने 3 टीमें गठित:वन मण्डल बलौदाबाजार, वन मण्डल महासमुन्द, वन विकास निगम ने 3 ट्रेकिंग टीम गठित की है. जो नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी रायपुर और वसुंधरा सोसाइटी फार कंजर्वेशन ऑफ नेचर के सहयोग से लगातार ट्रेकिंग कर रही है. वहीं, वन विभाग लगातार ग्रामीणों को जंगल में ना जाने के लिए सचेत कर रहा है. साथ ही वन विभाग रात में पेट्रोलिंग भी कर रहा है.