नई दिल्ली:दिल्ली शराब नीति घोटाले के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत टॉप पांच लोग अभी भी जेल में हैं. इस मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल एकमात्र प्रमुख नेता हैं. अभी तक मामले में सुप्रीम कोर्ट से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधायक के. कविता और आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को जमानित मिल चुकी है. अरविंद केजरीवाल 11 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में है. उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. 10 सितंबर को कोर्ट फैसला सुनाएगी. दिल्ली शराब निति घोटाले के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग व केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में करीब 40 आरोपी हैं.
1. अरविंद केजरीवाल:दरअसल अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्हें 'साउथ लॉबी' से रिश्वत मिली थी, जिसके बदले में उन्होंने साउथ के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली आबकारी नीति को तैयार किया. इतना ही नहीं सीबीआई ने इन रिश्वत के पैसों को गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में खर्च करने का आरोप लगाया है. बीते 21 मार्च को ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था. वहीं 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आम चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी. फिलहाल अरविंद केजरीवाल सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. मामले में चार लोगों को बेल मिलने के बाद पार्टी के नेताओं में उन्हें जमानत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
2.विनोद चौहान: हवाला कारोबारी विनोद चौहान को ईडी ने अपने नौवें चार्जशीट में आरोपी बनाया था. उन्हें मई में ईडी ने गिरफ्तार किया था. उनकी बेल एप्लीकेशन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आरोप है कि विनोद चौहान ने हवाला के जरिए आम आदमी पार्टी के लिए गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचार प्रसार के लिए 25.5 करोड़ रुपये पहुंचाए थे. यह भी आरोप है कि विनोद चौहान साउथ लॉबी के शराब कारोबारियों के नियमित संपर्क में रहते थे. जांच एजेंसियों ने यह भी दावा किया था कि विनोद चौहान के घर पर छापेमारी कर 1.06 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.
3.अरुण पिल्लई: हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई का नाम अगस्त 2022 में दर्ज एफआईआर में मनीष सिसोदिया सहित सीबीआई की 15 आरोपियों की सूची में शामिल किया गया था. अरुण को मार्च 2023 में ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. अरुण कथित रूप से साउथ लॉबी का हिस्सा थे. आरोप है कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये की किकबैक नेताओं को भेजा था. उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के साथ दिल्ली में शराब लाइसेंस के लिए सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत देने का आरोप है. ईडी के मुताबिक, शराब बनाने वाली कंपनी इंडोस्पिरिट में अरुण पिल्लई के 32.5 प्रतिशत शेयर थे. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने जून में अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया था.