जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सेना ने बढ़ाई चौकसी - LoC Armoured vehicles deployed
KASHMIR INDIAN ARMY: भारतीय सेना पर बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर निगरानी उपायों को नया रूप दिया है. सीमा पर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक निगरानी कैमरे और दुर्गम इलाकों में पहुंचने के लिए बख्तरबंद वाहन शामिल हैं. पढ़ें ईटीवी भारत के मोहम्मद अशरफ गनी की यह रिपोर्ट...
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बख्तरबंद वाहन तैनात किए गए हैं. (ETV Bharat)
जम्मू: सीमा पर पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखने और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए सेना ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को निगरानी उपकरण और हथियारों के अलावा अत्याधुनिक बख्तरबंद वाहन मुहैया कराए हैं.
जम्मू क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर तीन से चार किलोमीटर के दायरे में निगरानी करने वाले विशेष निगरानी कैमरों के अलावा सेना की विशेष गश्ती टीमों को नियंत्रण रेखा पर हाई अलर्ट पर रखा गया है.
सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवान. (ETV Bharat)
ईटीवी भारत की टीम ने नौशेरा-सुंदरबनी सेक्टर में एलओसी पर ग्राउंड जीरो का दौरा किया और जाना कि भारतीय सेना के जवान घुसपैठ रोकने के लिए किस तरह सीमा पर निगरानी रख रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम को सीमा पर ग्राउंड जीरो से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों को इनपुट मिले हैं कि लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठन 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय क्षेत्र में आतंकियों को घुसाने की योजना बना रहे हैं ताकि तोड़फोड़ की वारदातों को अंजाम दिया जा सके.
सूत्रों के अनुसार, सीमा पार घुसपैठ करने के लिए आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में छोटे-छोटे समूहों में लॉन्चिंग पैड पर मौजूद हैं. सीमा पर घुसपैठ के खतरे को देखते हुए सेना लगातार बॉर्डर एरिया डोमिनेशन पेट्रोलिंग कर रही है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बख्तरबंद वाहन तैनात किए गए हैं. (ETV Bharat)
सूत्रों ने बताया कि एलओसी पर जीरो लाइन पर सेना की ओर से फेंसिंग डोमिनेशन पेट्रोलिंग भी की जा रही है, ताकि पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह की घुसपैठ न हो सके. जम्मू के राजौरी, पुंछ, डोडा, उधमपुर और कठुआ में हुए आतंकी हमलों के बाद सेना ने इन इलाकों में नई क्यूआरटी टीमों सहित हथियारबंद वाहनों के साथ अपनी यूनिटों को फिर से तैनात किया है. इन क्यूआरटी टीमों को उन जगहों पर तैनात किया जा रहा है, जहां आतंकियों की सबसे ज्यादा मौजूदगी देखी गई है. एक क्यूआरटी टीम में पांच जवान होते हैं, जो एलओसी पर किसी भी तरह की घटना की स्थिति में स्टैंडबाय पर रहते हैं.
हाल ही में सेना के काफिले के ट्रकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों के मद्देनजर, ट्रकों को खास तौर पर निशाना बनाया गया है. सेना को 1000 से ज्यादा नए हथियारबंद वाहन मुहैया कराए गए हैं, जिन्हें 'आर्मेडो आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल' के नाम से जाना जाता है. ये पूरी तरह बुलेटप्रूफ हैं और इनमें सेमी-ऑटोमैटिक सिस्टम लगा हुआ है.