पलामूः ऑनलाइन बेटिंग गेम से लाखों की चाहत में लोग खुद को बर्बाद कर रहे है. ऑनलाइन बेटिंग गेम खेलने वाले कम उम्र के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. कई लोग ऑनलाइन बेटिंग गेम और मोबाइल के कारण मानसिक बीमारियों का भी सामना कर नहीं लगे है.
पलामू के मानसिक अस्पताल में हर महीने चार से पांच लोग सलाह के लिए पहुंच रहे हैं. कई लोग ऐसे हैं जिनकी काउंसलिंग के बाद यह बात निकाल कर सामने आ रही है क्योंकि मोबाइल और ऑनलाइन बेटिंग गेम के कारण परेशान हैं. पलामू में ऑनलाइन बेटिंग गेम में लाखों कमाने के बाद लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं और आपराधिक साजिश भी कर रहे हैं.
युवाओं में ऑनलाइन बेटिंग ऐप की लत पर पलामू एसपी और मनोचिकित्सक का बयान (ETV Bharat) केस स्टडी- 01
पलामू के मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के रहने वाले एक नाबालिग पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान ऑनलाइन बेटिंग गेम में 20 लाख रुपए हार गया. बेटिंग गेम खेलने के लिए उसने लाखों रुपए का कर्ज भी लिया. नाबालिग की मां और बहन पूरे मामले की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंची थी. पुलिस की तरफ से नाबालिग का काउंसलिंग किया गया और उसे समझाया बुझाया गया है.
केस स्टडी- 02
करीब एक वर्ष पहले पुलिस के एक जवान ने आत्महत्या कर ली थी. जवान द्वारा आत्महत्या करने के बाद काफी हंगामा हुआ था. इस मामले की जांच के बाद पता चला कि पुलिस का जवान ऑनलाइन क्रिकेट के सट्टेबाजी में लाखों रुपए हर चुका और मानसिक तनाव में था.
केस स्टडी- 03
जनवरी 2024 में मेदिनीनगर के कन्नी राम चौक के रहने वाले एक युवक के बेटिंग ऐप पर करीब डेढ़ लाख रुपये हार गया. इस घटना के बाद उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी बताई थी. इसके बाद पुलिस ने उसे लातेहार के इलाके से रिकवर किया था.
बेटिंग पर शुरू में दिया जाता है लालच, बाद में लग जाती है लत
ऑनलाइन बेटिंग गेम कई तरह से होते हैं. यह वीडियो गेम के साथ-साथ लाइव चल रहे विभिन्न तरह के स्पोर्ट्स एक्टिविटी से जुड़े हुए होते है. साइबर एक्सपेक्ट धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि एक तरह से यह सट्टेबाजी का ही स्वरुप है. शुरुआत में बेटिंग ऐप पर कुछ रकम जीतने के बाद लोगों को लालच आती है. इसी लालच के चक्कर में लोग लाखों रुपए गंवा देते हैं. यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेहद ही आसानी से मौजूद है और इनका एक अलग नेटवर्क चलता है.
एक तरह से मोबाइल से जुड़ी हुई यह गंभीर लत, जो लोगों को धीरे-धीरे अपनी जकड़ में ले लेता है. एक तरह से यह साइबर अपराध के जैसा ही है. इलाज के लिए कई लोग पहुंचते हैं शुरुआत में कई लोग इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं कि मोबाइल के कारण उनकी मानसिक स्थिति बदली है. ऑनलाइन बेटिंग गेम से जुड़े कई लोग काउंसलिंग के लिए पहुंचते हैं, इस दौरान उनके परिवार के भी लोग साथ में रहते हैं. वास्तविक आंकड़ा बताना बेहद ही मुश्किल है, लेकिन हर महीने आधा दर्जन से अधिक लोग पहुंच रहे है. -डॉ सुनील कुमार, मनोचिकित्सक.
ऐसी शिकायत मिल रही है कि ऑनलाइन बेटिंग में नाबालिक शामिल रह रहे है, यह बेहद ही गंभीर है. टाउन थाना को शिकायत मिली थी कि एक नाबालिग को 15 लाख का नुकसान हुआ था. पुलिस यह अपील कर रही है लोग सावधान रहें, अनजाने में लोग साइबर ठगी और साइबर अपराध में शामिल हो सकते हैं.अगर किसी भी तरह की समस्या होती है तो लोग तुरंत पुलिस के पास पहुंचे और अपने शिकायत दर्ज करवाएं. -रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू.
इसे भी पढ़ें- Suicide Case Study: जरा सोचिए, अपनी और बच्चों की जान से खिलवाड़ ही क्यों बन रहा आखिरी रास्ता!
इसे भी पढ़ें- रांची में निजी कंपनी की तर्ज पर चल रहा ऑनलाइन सट्टा का कारोबार, जांच में जुटी पुलिस
इसे भी पढ़ें- छोटी-छोटी बात और बड़ा अपराध! युवा जल्दबाजी में उठा रहे हैं आपराधिक कदम, पुलिस की अपील- कानून हाथ में ना लें लोग - Palamu Crime Case Study