चेन्नई: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है. स्टालिन ने जल्दबाजी में और खासकर लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ सीएए की अधिसूचना लागू करने की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीएए और इसके नियम बहुलवाद और धर्मनिरपेक्षता सहित संविधान के मूल सिद्धांतों के विपरीत हैं.
स्टालिन ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दावा किया, 'सीएए केवल भारतीय लोगों के बीच विभाजन पैदा करने का काम करता है और कोई ठोस लाभ नहीं देता है. यह एक ऐसा कानून है जिसे निरस्त किया जाना चाहिए.' उन्होंने दोहराया कि सीएए बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यक समुदायों और श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के अधिकारों को कमजोर करता है.
सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी का नेतृत्व करने वाले स्टालिन ने स्पष्ट किया कि तमिलनाडु सरकार राज्य में सीएए के कार्यान्वयन की अनुमति नहीं देगी. उन्होंने अपने सभी नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
मुख्यमंत्री का यह बयान विवादास्पद नागरिकता कानून को लेकर देशभर में चल रही बहस और विरोध प्रदर्शन के बीच आया है. मक्कल निधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन और अभिनेता विजय, जिन्होंने हाल ही में अपनी राजनीतिक पार्टी तमिझागा वेट्रिक कज़गम लॉन्च की है उन्होंने मंगलवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और इसके कार्यान्वयन का कड़ा विरोध किया.