नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से उन सभी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है जो इस वर्ष 23 सितंबर से 27 दिसंबर तक हैदराबाद में तेलंगाना के डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान और पुणे में यशदा में आयोजित होने वाले विशेष फाउंडेशन कोर्स (SFC) में शामिल होने में विफल रहते हैं.
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को संबोधित एक पत्र में गृह मंत्रालय ने बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 से 2022 बैच के कुल 203 सीधी भर्ती वाले आईपीएस बैकलॉग अधिकारियों ने अभी तक अपना फाउंडेशन कोर्स नहीं किया है. ईटीवी भारत के पास मौजूद पत्र में कहा गया है, 'डीओपीटी द्वारा चयनित 203 आईपीएस अधिकारियों की सूची को विशेष फाउंडेशन कोर्स 2024 में भाग लेने की आवश्यकता है.'
भारतीय पुलिस सेवा (परिवीक्षा) नियम, 1954 के अनुसार, यदि कोई परिवीक्षाधीन अधिकारी केंद्रीय सरकार या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त किसी आदेश का पालन करने में असफल रहता है, या यदि केन्द्र सरकार की राय में, उसने जानबूझकर अपने परिवीक्षाधीन अध्ययन की उपेक्षा की है या वह सेवा के सदस्य के अनुचित आचरण का दोषी है, तो उसके विरुद्ध आई.पी.एस. (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 11 (3) तथा 12 (सी) एवं (डी) के अंर्तगत कार्रवाई की जा सकती है.
अवर सचिव डीके घोष द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि जो अधिकारी अपने नाम के नामांकन के बाद फाउंडेशन कोर्स में भाग नहीं लेते हैं, उनके खिलाफ भारतीय पुलिस सेवा (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम-11 (3) और 12 (सी) और (डी) के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है. बता दें कि पिछले बैचों के 203 आईपीएस अधिकारियों को शामिल करने के बाद, कुल 443 अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें हैदराबाद में तेलंगाना के डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान और पुणे में यशदा में एसएफसी में विशेष फाउंडेशन कोर्स के लिए जाने के लिए कहा गया है. आंकड़ों के अनुसार, आईपीएस अधिकारियों में 2020 और उच्चतर बैचों के अन्य सेवाओं के लगभग 93 अधिकारी भी हैं, और 2021, 2022, 2023 और 2024 बैचों के 350 अधिकारी हैं.
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