बक्सर : बिहार कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा अब हमलोगों के बीच नहीं हैं. पूरा देश उनको नमन कर है, श्रद्धांजलि दे रहा है. उनकी यादों को, उनकी बातों को साझा कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत पहुंचा बक्सर के एमपी हाई स्कूल जहाँ शारदा सिन्हा के पिताजी प्राध्यापक थे.
जब स्वामी रामभद्राचार्य ने छिपा लिया मुंह: बक्सर में शारदा सिन्हा का अंतिम आगमन साल 2022 में हुआ था, जब यहाँ अंतरराष्ट्रीय संत समागम हुआ था. शारदा सिन्हा और देश के जाने माने संत स्वामी रामभद्राचार्य की मुलाकात हुई थी. और वे स्वामी जी को मिथिला की तरफ से अपना सुप्रसिद्ध गारी 'रामजी से पुछेली जनकपुर की नारी, बताव बबुआ लोगवा देत काहे गारी' गाकर सुनाईं थी. इस गारी (रिवायती गीत) को सुनकर स्वामी रामभद्राचार्य ने अपना मुंह छिपाकर हंसने लगे.
बक्सर में बीता बचपन : उन दिनों के बारे में बताते हुए एमपी हाई स्कूल के प्राचार्य विजय मिश्रा कहते हैं कि बात 60 और 70 के दशक की है, जब सुखदेव ठाकुर इस विद्यालय में एक शिक्षक के रूप सेवा दिए. स्वाभाविक है कि पिता के साथ शारदा सिन्हा का पूरा परिवार यहां रहता था. इसकी चर्चा जब कभी भी शारदा सिन्हा बक्सर आती थीं तो करती थीं. आपको बता दें कि बक्सर के एमपी हाई स्कूल में शारदा सिन्हा का बचपन गुजारा था.