सरगुजा:उत्तर प्रदेश का ज्योति मौर्य मामला तो अपने सुना ही होगा, एसडीएम बनने के बाद ज्योति मौर्य ने पति को छोड़ दिया था. सरगुजा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां जिले के ग्राम तराजू में अनुकम्पा नियुक्ति मिलने के बाद महिला ने अपने पति और छोटी बच्ची को छोड़ दिया है. पति और बच्ची को छोड़ने के बाद महिला कहीं और रह रही है. पत्नी के इस तरह जाने के बाद अब पति दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. पति का आरोप है कि महिला ने विवाहित होते हुए भी खुद को कुंवारी बताकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मां के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति हासिल की है. पति ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करते हुए जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
सरकारी नौकरी मिलते ही बीवी ने शौहर से किया किनारा: दरअसल पूरा मामला सरगुजा के लखनपुर क्षेत्र के ग्राम तराजू का है. यहां रहने वाले दीपक राजवाड़े ने बताया कि ''सास समुद्री बाई पति स्व. पवन राजवाड़े अनुविभागीय अधिकारी श्याम नहर उप संभाग क्रमांक 1 अंबिकापुर में पत्र वाहक के पद पर कार्यरत थीं. समुद्री बाई की मृत्यु 24 अगस्त 2018 को हो गई. सास की मौत के बाद उनकी सबसे छोटी बेटी और दीपक राजवाड़े की पत्नी सुलोचनी राजवाड़े ने खुद को मां पर आश्रित और कुंवारी दिखाकर अनुकम्पा नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल कर ली.
पति ने किया पत्नी को लेकर खुलासा: पति के अनुसार उसकी और सुलोचनी राजवाड़े की शादी साल 2016 में हुई थी. शादी के बाद उनकी एक पुत्री भी हुई जिसका नाम निहारिका राजवाड़े रखा. महिला ने अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए शादी की बात अधिकारियों से छिपाई और बाद में सुलोचनी ने अपनी शादी का झूठा प्रमाण पत्र उस वक्त बनवाया जब उसकी बेटी की उम्र दो वर्ष थी. आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी मिलने के बाद महिला का व्यवहार ही बदल गया और एक दिन वह अपनी बच्ची और पति को छोड़कर चली गई. महिला वर्तमान में जल संसाधन अनुभाग सूरजपुर में पंप संचालक के पद पर कार्य कर रही है.