ETV Bharat / state

बलौदाबाजार आगजनी केस, सुप्रीम कोर्ट से नारायण मिरी को जमानत - BALODABAZAR ARSON CASE

बलौदाबाजार आगजनी केस में सुप्रीम कोर्ट से नारायण मिरी को बेल मिली है.

BALODABAZAR ARSON CASE
बलौदाबाजार आगजनी केस (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 25, 2025, 10:09 PM IST

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार आगजनी केस में नारायण मिरी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. 10 जून 2024 को हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी. इस केस में नारायण मिरी पर गंभीर आरोप लगे थे. इस आगजी की घटना के बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें नारायण मिरि भी शामिल थे. मिरि पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हिंसा भड़काने और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप था.

सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका: नारायण मिरि की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार और समर्थकों ने उनकी जमानत के लिए कानूनी कदम उठाए. इस मामले में भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. यादव ने इस याचिका में तर्क दिया था कि मिरि के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और उन्हें बिना उचित आधार के गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मिरि के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद नारायण मिरि को जमानत देने का फैसला लिया. कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी 2025 तय की गई है. यह जमानत मिरि और उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है, क्योंकि वे लंबे समय से कानूनी पचड़ों में उलझे हुए थे.

जमानत के बाद राहत: नारायण मिरि को जमानत मिलने के बाद उनके परिवार ने राहत की सांस ली है. मिरि के परिजनों ने इसे एक बड़ी जीत बताया और कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें न्याय देगा. मिरि के परिवार का कहना था कि उनका नाम इस हिंसा में जानबूझकर फंसाया गया है और अब न्याय की प्रक्रिया के दौरान उन्हें सही तरीके से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.

10 जून 2024 को क्या हुआ था?:10 जून 2024 को बलौदा बाजार में एक बड़े प्रदर्शन के बाद हिंसा फैल गई थी. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है, जिसके विरोध में उन्होंने आंदोलन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त जिला कार्यालय में तोड़फोड़ की और एसपी ऑफिस में आगजनी की. आगजनी और तोड़फोड़ से सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया. पुलिस और प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ा।

राज्य सरकार और विपक्ष का रुख: इस मामले में राज्य सरकार और विपक्ष दोनों का रुख महत्वपूर्ण रहा. राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे. वहीं, विपक्षी दलों ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा था। विपक्ष का कहना था कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने ज्यादा सख्ती दिखाई और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई.

नारायण मिरि की जमानत मिलने के बावजूद यह मामला अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी 2025 को तय की है, और इस दौरान राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मोबाइल का फुल नेटवर्क बलौदाबाजार के तुरतुरिया धाम में एक्टिव

पीएम नरेंद्र मोदी स्वामित्व योजना की करेंगे शुरुआत, बलौदाबाजार के 5841 ग्रामीणों को मिलेगा भूमि का अधिकार

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार आगजनी केस में नारायण मिरी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. 10 जून 2024 को हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी. इस केस में नारायण मिरी पर गंभीर आरोप लगे थे. इस आगजी की घटना के बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें नारायण मिरि भी शामिल थे. मिरि पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हिंसा भड़काने और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप था.

सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका: नारायण मिरि की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार और समर्थकों ने उनकी जमानत के लिए कानूनी कदम उठाए. इस मामले में भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. यादव ने इस याचिका में तर्क दिया था कि मिरि के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और उन्हें बिना उचित आधार के गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मिरि के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद नारायण मिरि को जमानत देने का फैसला लिया. कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी 2025 तय की गई है. यह जमानत मिरि और उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है, क्योंकि वे लंबे समय से कानूनी पचड़ों में उलझे हुए थे.

जमानत के बाद राहत: नारायण मिरि को जमानत मिलने के बाद उनके परिवार ने राहत की सांस ली है. मिरि के परिजनों ने इसे एक बड़ी जीत बताया और कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें न्याय देगा. मिरि के परिवार का कहना था कि उनका नाम इस हिंसा में जानबूझकर फंसाया गया है और अब न्याय की प्रक्रिया के दौरान उन्हें सही तरीके से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.

10 जून 2024 को क्या हुआ था?:10 जून 2024 को बलौदा बाजार में एक बड़े प्रदर्शन के बाद हिंसा फैल गई थी. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है, जिसके विरोध में उन्होंने आंदोलन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त जिला कार्यालय में तोड़फोड़ की और एसपी ऑफिस में आगजनी की. आगजनी और तोड़फोड़ से सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया. पुलिस और प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ा।

राज्य सरकार और विपक्ष का रुख: इस मामले में राज्य सरकार और विपक्ष दोनों का रुख महत्वपूर्ण रहा. राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे. वहीं, विपक्षी दलों ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा था। विपक्ष का कहना था कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने ज्यादा सख्ती दिखाई और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई.

नारायण मिरि की जमानत मिलने के बावजूद यह मामला अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी 2025 को तय की है, और इस दौरान राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मोबाइल का फुल नेटवर्क बलौदाबाजार के तुरतुरिया धाम में एक्टिव

पीएम नरेंद्र मोदी स्वामित्व योजना की करेंगे शुरुआत, बलौदाबाजार के 5841 ग्रामीणों को मिलेगा भूमि का अधिकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.