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गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर: इनामी माओवादी चलपति की डेडबॉडी लेने पहुंचे उनके ससुर, अन्य नक्सलियों का भी हुआ पोस्टमार्टम - GARIABAND NAXAL ENCOUNTER

गरियाबंद मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों का पोस्टमार्टम हुआ. उसके बाद नक्सल नेता चलपति का शव लेने उनके परिजन रायपुर पहुंचे.

REWARDED MAOIST CHALPATI
नक्सली चलपति का शव लेने पहुंचे ससुर के लक्ष्मण राव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 24, 2025, 6:59 PM IST

गरियाबंद: गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर में टॉप नक्सली लीडर चलपति और उसके सहयोगी मारे गए हैं. कुल 16 नक्सलियों का खात्मा इस ऑपरेशन में हुआ. सभी नक्सलियों के शवों का रायपुर के मेकाहारा में पोस्टमार्टम हुआ. मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को उनके परिजनों को सौंपने का कार्य चल रहा है. नक्सल नेता रामचंद्र रेड्डी ऊर्फ अप्पाराव का शव लेने के लिए उनके ससुर के लक्ष्मण राव रायपुर पहुंचे. नक्सली चलपति के ससुर ने शव की पहचान की और बताया कि वह अखबार पढ़कर उनके शव को लेने आए हैं.

आंध्रप्रदेश के चित्तूर से पहुंचे लक्ष्मण राव: लक्ष्मण राव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें उनके दामाद के मौत की खबर अखबार से मिली. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के मारे जाने की भी खबर मिल रही है. हमने न्यूजपेपर में खबर पढ़ी और आंध्रप्रदेश से दुर्ग पहुंचे. उसके बाद रायपुर आए. गुरुवार से वह यहां पहुंचे हैं. मारे गए अन्य नक्सलियों के परिजन भी रायपुर पहुंचे और नक्सलियों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद लिया. गुरुवार को के लक्ष्मण चलपति का शव लेने आए. शव लेने के बाद वह आंध्रप्रदेश रवाना हो गए.

गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर अपडेट (ETV BHARAT)

नक्सली चलपति के ससुर ने क्या कहा ?: मीडिया से बात करते हुए मारे गए नक्सली चलपति के ससुर लक्ष्मण राव ने कहा कि मेरा दामाद अकेला नक्सल संगठन में नहीं है. केंद्र सरकार ने नक्सलियों को खत्म करने के लिए डेडलाइन भी जारी कर दी है. लेकिन सरकार शैडो से फाइट कर रही है. असली मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार है.

अखबार से मेरे दामाद चलपति के मौत की सूचना मेरे को मिली है. इसके साथ ही मेरी बेटी भी नक्सल संगठन में काम करती है, लेकिन मेरी बेटी का फोटो अखबार में नहीं था. बेटी और दामाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. नक्सली संगठन में जाने के बाद कभी वापस लौट कर घर नहीं आए हैं. मीडिया में बेटी और दामाद के मारे जाने की खबर मिलने के बाद मैं डेडबॉडी लेने रायपुर आया हूं- के लक्ष्मण राव, नक्सली चलपति के ससुर

अन्य नक्सलियों का शव लेने भी पहुंचे परिजन: अन्य नक्सलियों का शव लेने के लिए भी उनके परिजन पहुंचे. इनमें से कुछ नक्सलियों के परिजनों से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने कहा कि "20 से 25 सालों से नक्सली संगठन में उनके परिजन काम करते थे. लेकिन कभी कभार गांव आते थे. सोशल मीडिया और अखबार के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद हम मारे गए नक्सलियों का शव लेने पहुंचे हैं. मारे गए नक्सली नक्सल संगठन में क्या काम करते थे. इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है.

नक्सल मुठभेड़ पर आईजी अमरेश मिश्रा ने जानकारी: नक्सल मुठभेड़ पर आईजी अमरेश मिश्रा ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि हमें भालूडिग्गी के जंगलों में सीनियर नक्सल कार्डर की मौजूदगी की सूचना मिली थी. जिसके बाद 19 जनवरी को फोर्स ने ऑपरेशन शुरू किया. ई 30 गरियाबंद के जवान, एसटीएफ छत्तीसगढ़, कोबरा एसओजी ओडिशा और सीआरपीएफ के जवान इस ऑपरेशन में शामिल हुए. इसमें कुल 16 नक्सली मारे गए.

यह ऑपरेशन कुल 72 घंटे तक चला. इसमें कुल 16 नक्सली मारे गए. जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. 17 हथियार बरामद किए गए हैं. अभी तक 12 नक्सलियों की पहचान की जा चुकी है. जिसमें तीन बहुत बड़े कार्डर के नक्सली मारे गए हैं. जिनमें नक्सली नेता चलपति है. वह सीसीएस मेंबर था. इसके साथ ही दो स्टेट मेंबर कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं. जिनके नाम सत्यम गावडे और जयराम उर्फ गुड्डू है. इन तीन नक्सलियों के साथ मारे गए अन्य माओवादियों पर साढ़े तीन करोड़ का इनाम घोषित था.- अमरेश मिश्रा, आईजी, रायपुर रेंज

अभी भी सर्चिंग जारी: गरियाबंद का इलाका छत्तीसगढ़ पुलिस के रायपुर रेंज में आता है. आईजी अमरेश मिश्रा का कहना है कि इस एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादियों को बड़ा झटका लगा है. भालूडिग्गी के जंगल और कुल्हाड़ी घाट में मुठभेड़ स्थल पर अभी भी सर्चिंग जारी है.

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गरियाबंद: गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर में टॉप नक्सली लीडर चलपति और उसके सहयोगी मारे गए हैं. कुल 16 नक्सलियों का खात्मा इस ऑपरेशन में हुआ. सभी नक्सलियों के शवों का रायपुर के मेकाहारा में पोस्टमार्टम हुआ. मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को उनके परिजनों को सौंपने का कार्य चल रहा है. नक्सल नेता रामचंद्र रेड्डी ऊर्फ अप्पाराव का शव लेने के लिए उनके ससुर के लक्ष्मण राव रायपुर पहुंचे. नक्सली चलपति के ससुर ने शव की पहचान की और बताया कि वह अखबार पढ़कर उनके शव को लेने आए हैं.

आंध्रप्रदेश के चित्तूर से पहुंचे लक्ष्मण राव: लक्ष्मण राव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें उनके दामाद के मौत की खबर अखबार से मिली. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के मारे जाने की भी खबर मिल रही है. हमने न्यूजपेपर में खबर पढ़ी और आंध्रप्रदेश से दुर्ग पहुंचे. उसके बाद रायपुर आए. गुरुवार से वह यहां पहुंचे हैं. मारे गए अन्य नक्सलियों के परिजन भी रायपुर पहुंचे और नक्सलियों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद लिया. गुरुवार को के लक्ष्मण चलपति का शव लेने आए. शव लेने के बाद वह आंध्रप्रदेश रवाना हो गए.

गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर अपडेट (ETV BHARAT)

नक्सली चलपति के ससुर ने क्या कहा ?: मीडिया से बात करते हुए मारे गए नक्सली चलपति के ससुर लक्ष्मण राव ने कहा कि मेरा दामाद अकेला नक्सल संगठन में नहीं है. केंद्र सरकार ने नक्सलियों को खत्म करने के लिए डेडलाइन भी जारी कर दी है. लेकिन सरकार शैडो से फाइट कर रही है. असली मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार है.

अखबार से मेरे दामाद चलपति के मौत की सूचना मेरे को मिली है. इसके साथ ही मेरी बेटी भी नक्सल संगठन में काम करती है, लेकिन मेरी बेटी का फोटो अखबार में नहीं था. बेटी और दामाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. नक्सली संगठन में जाने के बाद कभी वापस लौट कर घर नहीं आए हैं. मीडिया में बेटी और दामाद के मारे जाने की खबर मिलने के बाद मैं डेडबॉडी लेने रायपुर आया हूं- के लक्ष्मण राव, नक्सली चलपति के ससुर

अन्य नक्सलियों का शव लेने भी पहुंचे परिजन: अन्य नक्सलियों का शव लेने के लिए भी उनके परिजन पहुंचे. इनमें से कुछ नक्सलियों के परिजनों से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने कहा कि "20 से 25 सालों से नक्सली संगठन में उनके परिजन काम करते थे. लेकिन कभी कभार गांव आते थे. सोशल मीडिया और अखबार के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद हम मारे गए नक्सलियों का शव लेने पहुंचे हैं. मारे गए नक्सली नक्सल संगठन में क्या काम करते थे. इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है.

नक्सल मुठभेड़ पर आईजी अमरेश मिश्रा ने जानकारी: नक्सल मुठभेड़ पर आईजी अमरेश मिश्रा ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि हमें भालूडिग्गी के जंगलों में सीनियर नक्सल कार्डर की मौजूदगी की सूचना मिली थी. जिसके बाद 19 जनवरी को फोर्स ने ऑपरेशन शुरू किया. ई 30 गरियाबंद के जवान, एसटीएफ छत्तीसगढ़, कोबरा एसओजी ओडिशा और सीआरपीएफ के जवान इस ऑपरेशन में शामिल हुए. इसमें कुल 16 नक्सली मारे गए.

यह ऑपरेशन कुल 72 घंटे तक चला. इसमें कुल 16 नक्सली मारे गए. जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. 17 हथियार बरामद किए गए हैं. अभी तक 12 नक्सलियों की पहचान की जा चुकी है. जिसमें तीन बहुत बड़े कार्डर के नक्सली मारे गए हैं. जिनमें नक्सली नेता चलपति है. वह सीसीएस मेंबर था. इसके साथ ही दो स्टेट मेंबर कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं. जिनके नाम सत्यम गावडे और जयराम उर्फ गुड्डू है. इन तीन नक्सलियों के साथ मारे गए अन्य माओवादियों पर साढ़े तीन करोड़ का इनाम घोषित था.- अमरेश मिश्रा, आईजी, रायपुर रेंज

अभी भी सर्चिंग जारी: गरियाबंद का इलाका छत्तीसगढ़ पुलिस के रायपुर रेंज में आता है. आईजी अमरेश मिश्रा का कहना है कि इस एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादियों को बड़ा झटका लगा है. भालूडिग्गी के जंगल और कुल्हाड़ी घाट में मुठभेड़ स्थल पर अभी भी सर्चिंग जारी है.

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