नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के गंभीर संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से प्रदूषण रोकने के लिए GRAP-4 के तहत सख्त उपायों को लागू में देरी पर सवाल किया. शीर्ष अदालत ने कहा, "आप GRAP-4 को लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे ले सकते हैं?" अदालत ने स्पष्ट किया कि वह बिना पूर्व अनुमति के नियंत्रण उपायों को कम करने की अनुमति नहीं देगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र अभी भी स्कूल जा रहे हैं और हम सभी ऑफलाइन कक्षाओं को भी बंद करने का आग्रह करते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित राज्यों को निर्देश दिया कि एनसीआर में 12वीं कक्षा तक स्कूल बंद करने पर तत्काल फैसला लें.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सोमवार को मामले में सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत नियंत्रण उपायों के लागू करने में देरी हुई है. पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद भी इसे लागू करने में देरी की गई.
ऐसे मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं...
दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि सोमवार से GRAP के चरण 4 को लागू कर दिया गया है. वकील ने कहा कि भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस पर अदालत ने वकील से कहा, "जैसे ही AQI 300 से 400 के बीच पहुंचता है, चरण 4 लागू किया जाना चाहिए. आप GRAP के चरण 4 को लागू में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं."