नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुनवाई करेगा. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी. इस मामले पर केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था को नजरअंदाज करके की गई है. उन्होंने कहा कि ईडी सिर्फ जांच में सहयोग न करने का हवाला देकर गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने वाली है.
केजरीवाल ने कहा है कि जिन बयानों और सबूतों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है वो 7 दिसंबर 2022 से लेकर 27 जुलाई 2023 तक के बीच लिए गए हैं. उसके बाद से कोई भी सबूत केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास नहीं हैं. ऐसे में यह समझ से परे है कि उन पुराने तथ्यों के आधार पर 21 मार्च को गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी. इसके अलावा 21 मार्च को गिरफ्तारी से पहले इन पुराने सबूतों पर सफाई को लेकर केजरीवाल का कोई बयान भी दर्ज नहीं किया गया.
केजरीवाल ने कहा है कि ईडी का एकमात्र मकसद यह था कि उनके खिलाफ कुछ बयानों को हासिल किया जाए और जैसे ही उनके खिलाफ बयान मिले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद की गई गिरफ्तारी ईडी की मंशा को साफ जाहिर करती है. उन्होंने कहा कि हमने ईडी की तरफ से भेजे गए हर एक समन का विस्तार से जवाब दिया. जो दस्तावेज अरविंद केजरीवाल के पक्ष में आते हैं उनको जानबूझकर ईडी ने कोर्ट के सामने नहीं रखा. केजरीवाल के हलफनामे में कहा गया है कि ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों का उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं. उनकी की गिरफ्तारी अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे केंद्र सरकार ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने में लगी है.
केजरीवाल ने कहा है कि उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया के बीच हुई इस गिरफ्तारी से जहां आप पार्टी को नुकसान होगा, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा होगा. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है कि सभी पार्टियों को बराबर मौका मिले जो कि नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि ईडी भले ही उन पर सबूतों को नष्ट करने का हवाला दे रही हो लेकिन केजरील के खिलाफ कोई भी एक ऐसा बयान और सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि उन्होंने सबूतों को नष्ट किया है. ईडी के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आप पार्टी को साऊथ ग्रुप से पैसा या एडवांस में कोई रिश्वत मिली है. गोवा चुनाव प्रचार में उनका उपयोग करना तो दूर की बात है.
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