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SC ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानों के संचालकों के नाम लिखने पर लगाई रोक, उत्तराखंड सरकार को जारी किया नोटिस - kanwar YATRA 2024 - KANWAR YATRA 2024

Kanwar Yatra Controversy यूपी के बाद कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड में भी सरकार ने दुकानदारों और ठेली पटरी वालों के लिए नेम प्लेट लगाना को अनिवार्य कर दिया था. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी ढाबा संचालकों के मालिकों के नाम बताने पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (File photo)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 2:33 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 7:44 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): प्रदेश में 22 जुलाई यानी आज से कांवड़ यात्रा का आगाज हो गया है. हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर संचालित हो रही सभी दुकानों के लिए दुकानदारों और ठेली पटरी वालों के लिए नेम प्लेट लगाना को अनिवार्य कर दिया गया था. उत्तराखंड सरकार के निर्देश के बाद प्रशासन ने इस व्यवस्था को लागू करने की कवायद में जुट गई थी. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा मार्गों पर इस व्यवस्था को लागू किए जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी ढाबा संचालकों के मालिकों के नाम बताने पर अंतरिम रोक लगा दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की डेट देते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर संचालित दुकानदार सिर्फ ये बताएंगे कि वह किस तरह का खाना बेच रहे हैं यानी दुकानदारों को ये बताना होगा कि खाना शाकाहारी है या फिर मांसाहारी.

बता दें कि, कांवड़ यात्रा को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे पहले यह निर्णय लिया था कि यात्रा रूट पर संचालित सभी दुकानदारों को अपना वास्तविक नाम लिखना होगा. सरकार की ओ र से इसकी ये मुख्य वजह बताई गई थी कि कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं कि एक विशेष धर्म के लोग ढाबा संचालित कर रहे हैं, लेकिन ढाबे पर ऐसा नाम लिख देते हैं जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पता कि उसे किस समुदाय विशेष के लोग संचालित कर रहे हैं. कई बार इस मामले को लेकर विवाद भी हुआ. जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया था. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा मार्गों पर पहचान उजागर करने के निर्देश जारी किए थे.

उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्देश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में याचिका में कांवड़ यात्रा रूट पर संचालित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों को अपने नाम उजागर करने के निर्देश को चुनौती दी थी. साथ ही याचिकाकर्ता ने यह तर्क दिया था कि सरकार का यह फैसला मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बनाता है और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाता है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई यानि आज सुनवाई कर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देशों पर अंतरिम रोक लगा दी है.

मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा:सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को मिले झटके के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब कोर्ट से पूरा ऑर्डर आयेगा तो उसकी समीक्षा की जाएगी. साथ ही कहा कि सरकार ने जो ऑर्डर किया है उसको कोर्ट में बताया जाएगा कि किस आधार पर ये आदेश सरकार ने किया है.

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Last Updated : Jul 22, 2024, 7:44 PM IST

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