देहरादून (नवीन उनियाल): देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश गमगीन है. पूर्व पीएम की याद में उनके पुराने फैसलों और देश के प्रति उनकी भूमिका का भी स्मरण किया जा रहा है. वहीं, इस महान अर्थशास्त्री के परिजन भी उनके उन फैसलों को दोहराते दिख रहे हैं, जो किसी के लिए भी एक प्रेरणा बन सकते हैं और जिसकी बदौलत डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके फैसले और देश के विकास में उनकी भूमिका हर किसी की जुबान पर है. दरअसल, डॉ मनमोहन सिंह को एक प्रधानमंत्री के रूप में देश और दुनिया ने जाना, लेकिन उनके यहां तक पहुंचाने का संघर्ष कम ही लोगों को पता है.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के संघर्षों को आज उनके परिवार के सदस्य याद कर रहे हैं. साथ ही उन निर्णयों पर भी परिजनों को नाज है जिसने डॉ मनमोहन सिंह को देश में एक अलग पहचान दिलाई. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह वैसे तो पेशावर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में पैदा हुए थे, लेकिन देश का विभाजन होने के बाद सिंह का परिवार अमृतसर आ गया था.
#WATCH | In a program organized in Haridwar, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Dhami and other public representatives observe a moment of silence to express grief over the demise of former PM #ManmohanSingh and prayed for the peace of the departed soul pic.twitter.com/17yX0n1bMZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 27, 2024
पिता के कारोबार को नहीं चुना: मनमोहन सिंह के पिता व्यवसाय करते थे और उन्होंने अपने बेटे के लिए भी व्यवसाय को ही चुना था. ड्राई फ्रूट्स का व्यापार करने वाले उनके पिता ने डॉक्टर मनमोहन सिंह की स्कूलिंग पूरी होने के बाद उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन तब डॉक्टर मनमोहन सिंह के वह कुछ शब्द उन्हें उस ऊंचाई पर ले गए, जिसकी बदौलत आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उन्हें याद किया जा रहा है.
खटीमा में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मनमोहन सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 27, 2024
साधारण पृष्ठभूमि से आकर उन्होंने वित्तमंत्री समेत विभिन्न पदों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। भारतीय आर्थिक नीति को नई दिशा देने में उनका योगदान सराहनीय है।
विनम्र श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/Be2Pb2nhS4
जब पिता को कहा- तराजू नहीं तोलूंगा: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को जब पारिवारिक व्यवसाय करने के लिए कहा गया तो उन्होंने अपने पिता को साफ कह दिया कि वो तराजू अपने हाथ में नहीं लेंगे. बस उनका यही निर्णय उनके प्रधानमंत्री बनने तक की बुनियाद बना. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का पूरा ध्यान पढ़ाई पर था और किताबों की इसी अच्छी आदत ने उन्हें देश में महान अर्थशास्त्री का तमगा दिलवाया.
#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: On the demise of former PM Dr Manmohan Singh, Congress leader Harish Rawat says, " his demise is a big setback for the country. he was the son of india who dedicated his life to building the nation...he helped in rebuilding uttarakhand after the… pic.twitter.com/MsJ51nTE50
— ANI (@ANI) December 27, 2024
बचपन में ही सिर से उठ गया था मां का साया: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ मनमोहन सिंह के चचेरे भाई अमरजीत कोहली बताते हैं कि उनका यह सफर इतना आसान नहीं था, उनके जन्म लेने के साथ ही उनकी माता का निधन हो गया. यहां से उनकी परेशानियां शुरू हो गई.
भारत ने आज एक महान अर्थशास्त्री, दूरदर्शी नेता और सादगी की मिसाल खो दी,मनमोहन सिंह जी का योगदान हमारे देश की आर्थिक मजबूती और लोकतांत्रिक मूल्यों को संजोने में अमूल्य है,उनके जाने से एक युग का अंत हो गया।
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) December 26, 2024
आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे सर,
आपकी विरासत हमेशा प्रेरणा देती… pic.twitter.com/ocAcPOaauL
सभी को करते थे पढ़ाई के लिए प्रेरित: डॉ मनमोहन सिंह के चचेरे भाई अमरजीत सिंह कहते हैं कि उनके परिवार की पारिवारिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और इसीलिए उन्हें अपने भविष्य के लिए बेहद ज्यादा संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हमेशा पढ़ते रहने का प्रयास किया और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी सभी को पढ़ाई के लिए प्रेरित भी करते रहे.
लोन लेकर पढ़ाई जारी रखी: अमरजीत सिंह कहते हैं कि उनके चचेरे भाई ने हमेशा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की बात कही और पूरा ध्यान उनकी पढ़ाई पर देने की सीख देते रहे. अमरजीत सिंह कहते हैं कि डॉ मनमोहन सिंह ने भी खुद में पढ़ाई की ललक हमेशा जगाए रखी और पैसा नहीं होने की स्थिति में लोन लेकर अपनी पढ़ाई को जारी रखा.
Minister of Finance and Corporate Affairs, Nirmala Sitharaman, paid her last respects to former Prime Minister Dr. Manmohan Singh at his residence in New Delhi.
— ANI (@ANI) December 27, 2024
(Source: Finance Minister's office) pic.twitter.com/ReNgv0HqmN
सभी से घुल मिल जाते थे मनमोहन: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के सरल स्वभाव को वैसे तो पूरा देश जानता है, लेकिन उनके चचेरे भाई अमरजीत सिंह कहते हैं कि परिवार में वह एक सलाहकार के रूप में भी थे. जब भी किसी बात पर कोई सुझाव लेना होता था, तो परिजन उन्हीं से सुझाव लिया करते थे. सरल स्वभाव होने के कारण वह जल्द ही सभी से घुल मिल जाया करते थे.
राजनीति में नहीं थी कोई दिलचस्पी: प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वो कई बार देहरादून आए और जब भी उन्हें वक्त मिलता था तो वह उनके घर जरूर आया करते थे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने जब प्रोफेसर के रूप में नौकरी शुरू की तो उन्हें ₹600 तनख्वाह मिलती थी. हालांकि उन्हें राजनीति में किसी भी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन देश को जब आर्थिक सलाह के रूप में जरूरत पड़ी तब पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के सुझाव देश को आर्थिक संकट से उभरने में बेहद अहम रहे.
अमरजीत सिंह कहते हैं कि डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी तीन बेटियों को भी अच्छी शिक्षा दी और आज तीनों ही बेटियां बेहतर शिक्षा की बदौलत अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं.
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