देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशात्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया. मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार के सभी सरकारी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. डॉ मनमोहन सिंह का उत्तराखंड से विशेष नाता था.
पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का निधन: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन की खबर से देश भर में शोक की लहर है. देश में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह का उत्तराखंड से भी गहरा नाता रहा है. शायद यही कारण था कि जब भी उन्हें वक्त मिलता था, तो वह उत्तराखंड आते थे और अपने परिजनों के घर ठहरते थे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह से जुड़ी देहरादून की कुछ यादें उनके परिजनों के साथ तस्वीरों में भी दिखाई देती हैं.
Dr Manmohan Singh passes away: President, Vice President, Prime Minister, Leader of Opposition, Union ministers and prominent leaders mourn the demise of the former PM, here's who said what...#ManmohanSingh
— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2024
(File Photo) pic.twitter.com/24FUWsJsiu
डॉ मनमोहन सिंह का उत्तराखंड से था खास नाता: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हर कोई गमगीन है. डॉ मनमोहन सिंह का देश में आर्थिक सुधारों के लिए अहम योगदान है. एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने देश की कई सालों तक सेवा की और समय-समय पर उनके सुझाव और निर्णय ने देश को अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नई राह भी दिखाई. ऐसे महान अर्थशास्त्री का उत्तराखंड से भी गहरा नाता रहा है.
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
अक्सर उत्तराखंड आते थे डॉ मनमोहन सिंह: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अक्सर उत्तराखंड आया करते थे, दरअसल उनके ताऊजी स्वर्गीय गोपाल सिंह कोहली का देहरादून के रेसकोर्स में आवास था. इसीलिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जब भी वक्त मिलता था, यहां आकर रुकते थे. शायद यही कारण था कि उनका देहरादून से गहरा आत्मिक लगाव था.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 26, 2024
ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को… pic.twitter.com/Y8ESwvryx1
डॉ मनमोहन सिंह के ताऊ देहरादून में रहते थे: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अपने चचेरे भाइयों स्वर्गीय हरभजन सिंह कोहली और अमरजीत सिंह कोहली से भी बेहद लगाव और स्नेह था. ये कारण भी था कि वो उनसे मिलने देहरादून अक्सर पहुंचते थे.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 26, 2024
ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को… pic.twitter.com/Y8ESwvryx1
जौलीग्रांट हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक से मिलने भी आते थे: स्वर्गीय डॉ मनमोहन सिंह के जौलीग्रांट हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक स्वामी राम जी से भी व्यक्तिगत संबंध थे. जब भी वह देहरादून पहुंचने थे, तो अक्सर स्वामी राम जी से भी मुलाकात किया करते थे.
डॉ मनमोहन सिंह के निधन से कोहली परिवार में शोक की लहर: डॉ मनमोहन सिंह के चचेरे भाई अमरजीत सिंह कोहली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के समाचार ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है. उनका निधन न केवल समाज के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है.
आर्थिक उदारीकरण के जनक थे पूर्व पीएम: डॉ मनमोहन सिंह को देश के आर्थिक उदारीकरण और आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है. साल 1991 में जब वो वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था के नए युग का सूत्रपात किया था. जब नरसिंहा राव देश के प्रधानमंत्री थे, तब डॉ मनमोहन सिंह ने ऐसे फैसले लिये जिनसे तब लड़खड़ाई भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर आई थी. दरअसल उन्होंने दशकों से बंद भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने की शुरुआत की थी.
नरेगा की शुरुआत की थी: डॉ मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तो साल 2005 में देश में VAT को लागू कर पुराने जटिल सेल्स टैक्स की व्यवस्था को खत्म किया था. उनके कार्यकाल में ही देश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (NREGA) की शुरुआत की गई थी. अब इस योजना को MNREGA के नाम से जाना जाता है.