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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के DGP को लगाई फटकार, कहा- 'ऐसा आदेश देंगे कि जीवन भर याद रहेगा' - SUPREME COURT NEWS

Supreme Court News : आरोपी अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर चल रही थी सुनवाई.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 8:57 PM IST

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है. आरोपी अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यूपी पुलिस सत्ता का आनंद ले रही है, उसे संवेदनशील बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने यूपी पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि 'आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे.'

अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई :कई मामलों के एक आरोपी की याचिका को सुनते हुए 28 नवंबर (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट में अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अनुराग दुबे उर्फ डब्बन नाम के आरोपी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस वजह से उस पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी और वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुराने मामले की जांच में शामिल नहीं हो पा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी याचिका :यूपी के फर्रुखाबाद के रहने वाले डब्बन और उसके भाइयों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं. डब्बन ने मारपीट, धमकी और संपत्ति में अवैध तरीके से घुसने के एक मामले को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केस रद्द नहीं किया था, लेकिन यह कहा था कि फिलहाल उसकी गिरफ्तारी न हो. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने पर विचार करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच अधिकारी डब्बन को फोन पर जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस मिलने पर वह जांच में सहयोग के लिए पेश हो. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं कि वह एक खतरनाक क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं. याचिकाकर्ता पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक मामले में तो रजिस्ट्री के ज़रिए खरीद के बावजूद जमीन पर कब्जे का केस बना दिया गया है.

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पर अभी भी गिरफ्तारी का खतरा है, इसलिए वह पेश नहीं हो पा रहा है. दो जजों की बेंच ने गहरी नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील राना मुखर्जी से कहा, 'आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि अगर याचिकाकर्ता को छुआ गया, तो ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे. यह नहीं चल सकता कि आप हर बार याचिकाकर्ता पर नया केस फाइल कर दें. हमने उसे अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग के लिए कहा है. उसे ऐसा करने दीजिए.'

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