कानपुर: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के खिलाफ शुक्रवार को करीब 197 करोड रुपए कैश मिलने के मामले में हुई सुनवाई के दौरान इत्र कारोबारी के पिता पत्नी समेत पांच अन्य को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है. उक्त सभी लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया था, लेकिन सभी की ओर से जो सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेज लगाए गए उसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने उत्पीड़नत्मक कार्रवाई पर पूरी तरीके से रोक लगाने के आदेश दिए हैं. वहीं अभियोजन ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में बाकी आठ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ ही पीयूष जैन की फाइल अलग कर मुकदमे में गवाही शुरू करने की मांग की है.
दिसंबर 2021 में मिला था 197 करोड़ रुपए कैश: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज व कानपुर स्थित ठिकानों पर डीजीजीआई की टीम ने दिसंबर 2021 में जब छापा मारा था तो 197 करोड़ रुपए कैश मिला था. डीजीजीआई की टीम ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर दिया था, जिसकी लगातार जांच चल रही थी. इसके अलावा 23 किलोग्राम विदेशी सोना भी मौके पर टीम को मिला था, जिसमें कस्टम एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही थी. पिछले ही दिनों पीयूष जैन को इस मामले में स्पेशल सीजेएम कोर्ट से जहां बरी किया गया था. वहीं 197 करोड़ रुपए कैश के मामले में पीयूष के साथ 13 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया था जिन्हें कोर्ट ने तलब किया था.
इस मामले पर विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि पीयूष के पिता महेश चंद जैन, पत्नी कल्पना जैन, भाई अमरीश जैन व भाभी विजय लक्ष्मी के साथ ही मुंबई के आरोपी सुनील ए हिरानी की ओर से स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश दाखिल किया गया जिसमे पांचों आरोपियों के खिलाफ किसी भी तरीके की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई. अब इनके खिलाफ कोई सामान्य वारंट कोर्ट नहीं जारी करेगी. वहीं, अभियोजन ने बाकी आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए अर्जी दी थी.