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पिता बेचते हैं चाय, बेटा बना पैरा ओलंपियन, आर्म रेसलिंग चैंपियन हर्ष खोडियार की सक्सेस स्टोरी, सरकार से है मदद की उम्मीद - Success story of Para Olympian - SUCCESS STORY OF PARA OLYMPIAN

पैरा ओलंपियन हर्ष खोडियार की कहानी एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी है जिससे लाखों लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए. इन्होंने गरीबी को मात देकर आर्म रेसलिंग में देश का नाम रौशन किया है. नेशनल से लेकर इंटरनेशनल तक तमाम स्पर्धाओं ने हर्ष ने अपनी जीत की छाप छोड़ी है. सरकार से इस होनहार खिलाड़ी को मदद की उम्मीद है.

PARA OLYMPIAN HARSH KHODIYAR
हर्ष खोडियार छत्तीसगढ़ का चमकता खिलाड़ी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2024, 11:26 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 7:27 AM IST

पैरा ओलंपियन हर्ष खोडियार की कहानी (ETV BHARAT)

रायपुर: कहते हैं लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. इस बात को दुर्ग के रहने वाले हर्ष खोडियार ने सच साबित किया है. एक हाथ नहीं होने के बावजूद हर्ष खोडियार आर्म रेसलिंग में लगातार देश का परचम लहराते आए हैं. हर्ष खोडियार 2019 से नेशनल पैरा ओलंपिक आर्म रेसलिंग खेलना शुरू किए और लगातार गोल्ड जीतते रहे हैं.

आर्म रेसलिंग में लगाई पदकों की झड़ी: साल 2022 में हैदराबाद में हुए आर्म रेसलिंग नेशनल पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनका सिलेक्शन इंटरनेशनल के लिए हुआ. साल 2023 में कजाकिस्तान में हुए इंटरनेशनल आर्म रेसलिंग पैरालंपिक मैच में हर्ष ने सिल्वर मेडल जीता. उसके बाद साल 2024 में यूरोप में हुए इंटरनेशनल पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित किया.

"मैं देश के लिए खेल रहा हूं लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही हैं. मैंने लगातार गोल्ड जीता है और अक्टूबर मे मुंबई में होने वाले पैरालंपिक में मेरा सिलेक्शन हुआ है. मैं अब उसकी तैयारी में जुटा हुआ हूं": हर्ष खोडियार, आर्म रेसलिंग के खिलाड़ी और पैरा ओलंपियन

कोच ने बताई हर्ष खोडियार की सक्सेस स्टोरी: हर्ष खोडियार के कोच सनी ने कहा कि ये काफी होनहार हैं. अभी तक इन्होंने जितने मैच खेले हैं. उसमें काफी सफलता हासिल की है. अपने शिष्य की उपलब्धियों को बताते हुए सनी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि "सरकार को जितनी मदद देनी चाहिए वे नहीं दे रही है. अभी आर्म रेसलिंग छत्तीसगढ़ की लिस्ट में ही नहीं है जबकि यहां के खिलाडी इंटरनेशनल लेवेल पर इनाम जीते हैं. सरकार इस पर विचार करें और इस तरह के खिलाडियों को भी सम्मानित करें".

हर्ष ने मुफलिसी को मात देकर बनाया मुकाम: हर्ष खोडियार ने मुफलिसी को मात देकर एक इंटरनेशनल पैरा ओलंपियन का सफर तय किया है. हर्ष के पिता चाय कॉफी की दुकान पर कैटरर का काम करते हैं. हर्ष के बड़े पिता जी ने उनके लिए पैसों का इंतजाम किया. लोगों से चंदा जुटाकर किराए का इंतजाम कर उन्हें खेलने के लिए भेजा. अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. हर्ष और उसके परिवार को मदद की दरकार है.

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Last Updated : Aug 31, 2024, 7:27 AM IST

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