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श्रीनगर में बर्फ जमी: दो दशक में सबसे ठंडी दिसंबर की रात, चिल्लई-कलां शुरू - SRINAGAR FREEZES

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तापमान शून्य से 8.5 डिग्री नीचे चला गया. 1974 के बाद ये रिकॉर्ड टूटा है.

Srinagar Freezes:
श्रीनगर में डल झील (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 21, 2024, 2:04 PM IST

श्रीनगर: कश्मीर में चिल्लई-कलां की हाड़ कंपा देने वाली ठंड की शुरुआत हो गई. श्रीनगर में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात पारा शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया. यह 1974 के बाद से ग्रीष्मकालीन राजधानी में ये सबसे ठंडा दिन था. उस वर्ष तापमान शून्य से 10.3 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया था.

कश्मीर के अन्य इलाकों में भी बर्फबारी हुई. तीन जिलों अनंतनाग (-10.5), शोपियां (-10.4) और पुलवामा (-10.3) में न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री नीचे चला गया. पिछली रात श्रीनगर में दर्ज किया गया न्यूनतम तापमान 1891 के बाद से दिसंबर का तीसरा सबसे कम तापमान रहा. श्रीनगर में अब तक का सबसे कम तापमान 13 दिसंबर 1934 को शून्य से 12.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था.

21 दिसंबर से कश्मीर में 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि चिल्लई-कलां की शुरुआत होती है. ये 31 जनवरी तक चलती है. इसके बाद 31 जनवरी से 19 फरवरी तक हल्की ठंड वाली 20 दिनों की अवधि चिल्लई-खुर्द और 20 फरवरी से 2 मार्च तक अपेक्षाकृत हल्की ठंड वाली 10 दिनों की अवधि चिल्लई-बच्चा आती है.

डल झील जम गई

कड़कड़ाती ठंड के कारण कई इलाकों में पानी की आपूर्ति लाइनें और डल झील सहित जल निकायों के किनारे जम गए. अधिकारियों ने बताया कि शहर और मैदानी इलाकों में लंबे समय से जारी सूखे के कारण खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं.

मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मुख्य रूप से शुष्क मौसम का अनुमान लगाया है. साथ ही 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है. विभाग ने कहा कि 27 दिसंबर की रात से 28 दिसंबर की सुबह तक कुछ ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी भी संभव है. हालांकि, विभाग ने कहा कि घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है और अगले कुछ दिनों में छिटपुट जगहों पर शीत लहर चलेगी.

घाटी के कई इलाकों में रहने वाले लोगों ने कहा कि पानी की आपूर्ति लाइनें जम गई हैं और बिजली की अनियमित आपूर्ति ने जीवन को कठिन बना दिया है, क्योंकि वे खुद को गर्म रखने के लिए पारंपरिक तरीकों का सहारा ले रहे हैं.

श्रीनगर के नटीपोरा इलाके के निवासी मोहम्मद सलीम ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह मेरे जीवन की सबसे ठंडी सर्दी है. बिजली की आपूर्ति अनियमित होने के कारण हम एलपीजी (हीटर) और कांगड़ी (मिट्टी के चूल्हे) का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमारी पानी की टंकी और पाइप जम गए हैं, जिससे दैनिक काम करना मुश्किल हो गया है.'

अच्छी बर्फबारी से न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है जिससे शुष्क, ठंडे मौसम का मौजूदा दौर खत्म हो सकता है. श्रीनगर निवासी ने कहा, 'मेरी 78 वर्षीय मां को सिरदर्द, सर्दी और खांसी की शिकायत है. मेरी छोटी बेटी भी हाल ही में बीमार थी. यह सब इस कड़ाके की ठंड के कारण हुआ है.'

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