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दिल्ली: 'CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगा या नहीं', ...कानूनी सलाह के बाद तय करेंगे स्पीकर - DELHI CAG REPORT PENDING

कानूनी सलाह के बाद दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल तय करेंगे कि सीएजी रिपोर्ट सदन पेश की जाए या नहीं.

दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल
दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 30, 2024, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों से संबंधित CAG की कुल 14 लंबित रिपोर्ट को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल कानूनी सलाह लेने के बाद कोई कार्यवाही करेंगे. सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए विपक्ष लगातार मांग कर रहा है. मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि सभी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी गई है. अब विधानसभा अध्यक्ष को कोर्ट में अपना पक्ष रखना है. इस पर सबकी नज़रें टिकी हुई है.

सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए सत्र बुलाई जाए या और क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने कानूनी सलाह लेने की बात कही है. मामले की सुनवाई आठ जनवरी को हाईकोर्ट में होगी. जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को भी अपना जवाब देना है. ऐसे में उन्होंने कानूनी सलाह लेकर नोटिस का जवाब कोर्ट को देने की बात कही है.

''विधानसभा की बैठक सरकार द्वारा कैबिनेट में निर्णय लेने के बाद ही बुलाई जाती है. लेकिन अब मामला कानूनी हो गया है, सीएजी रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट में मामला विचार अधीन है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस मामले में कानूनी सलाह लेना ही एक विकल्प है. क्योंकि वे भी इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं. इस मामले में सरकार और विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका क्या होगी? उनके क्या अधिकार हैं? इस पर कोर्ट को जवाब देना है. तो कानूनी सलाह ही एकमात्र विकल्प बनता है. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अपना जवाब भेज सकेंगे. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष चाहे तो इस मामले में अपने विशेष अधिकारियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.''- ओमेश सहगल, पूर्व मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार द्वारा लंबित कैग की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करने को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता लंबे समय से मांग कर रहे हैं. पिछले दिनों संपन्न हुई विधानसभा सत्र के दौरान भी इस बात को जोर-शोर से उठाया था. बीजेपी के तमाम विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन भी किया था. मगर उनकी मांगे नहीं मानी गई. जिसके बाद बीजेपी विधायक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सख्त आदेश देने की मांग की है.

CAG की कुल 14 लंबित रिपोर्ट
CAG की कुल 14 लंबित रिपोर्ट (etv bharat)

उधर, दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट पेश करने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी. उपराज्यपाल इसके लिए पहले मंजूरी दे चुके हैं. पिछले सप्ताह दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने यह सभी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के पास भी भेज दी, इसकी जानकारी बकायदा कोर्ट को भी दी गई. तब से इंतजार है कि सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा सदन पटल पर कब तक पेश किया जाएगा.

CAG रिपोर्ट सदन में पेश करने के लिए LG से मिले थे विजेंद्र गुप्ता: बीते शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा कैग की 14 रिपोर्ट को विधानसभा के सदन पटल पर रखने में जानबूझकर देर किए जाने के मामले में उपराज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को प्रस्तुत करने में आप सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी. विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, आबकारी नीति, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, हेल्थ, एजुकेशन, पॉल्युशन जैसे जो मुद्दे थे, उन सबका हिसाब किताब कैग की इन रिपोर्ट्स में दिया गया है.

भाजपा विधायकों के अनुसार, लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की 14 रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है. लेकिन दिल्ली सरकार अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमिताओं को छुपाने के लिए इन्हें जान बूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए और वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में समाप्त होने के मद्देनजर विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दें.

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सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए सत्र बुलाई जाए या और क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने कानूनी सलाह लेने की बात कही है. मामले की सुनवाई आठ जनवरी को हाईकोर्ट में होगी. जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को भी अपना जवाब देना है. ऐसे में उन्होंने कानूनी सलाह लेकर नोटिस का जवाब कोर्ट को देने की बात कही है.

''विधानसभा की बैठक सरकार द्वारा कैबिनेट में निर्णय लेने के बाद ही बुलाई जाती है. लेकिन अब मामला कानूनी हो गया है, सीएजी रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट में मामला विचार अधीन है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस मामले में कानूनी सलाह लेना ही एक विकल्प है. क्योंकि वे भी इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं. इस मामले में सरकार और विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका क्या होगी? उनके क्या अधिकार हैं? इस पर कोर्ट को जवाब देना है. तो कानूनी सलाह ही एकमात्र विकल्प बनता है. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अपना जवाब भेज सकेंगे. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष चाहे तो इस मामले में अपने विशेष अधिकारियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.''- ओमेश सहगल, पूर्व मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार द्वारा लंबित कैग की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करने को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता लंबे समय से मांग कर रहे हैं. पिछले दिनों संपन्न हुई विधानसभा सत्र के दौरान भी इस बात को जोर-शोर से उठाया था. बीजेपी के तमाम विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन भी किया था. मगर उनकी मांगे नहीं मानी गई. जिसके बाद बीजेपी विधायक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सख्त आदेश देने की मांग की है.

CAG की कुल 14 लंबित रिपोर्ट
CAG की कुल 14 लंबित रिपोर्ट (etv bharat)

उधर, दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट पेश करने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी. उपराज्यपाल इसके लिए पहले मंजूरी दे चुके हैं. पिछले सप्ताह दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने यह सभी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के पास भी भेज दी, इसकी जानकारी बकायदा कोर्ट को भी दी गई. तब से इंतजार है कि सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा सदन पटल पर कब तक पेश किया जाएगा.

CAG रिपोर्ट सदन में पेश करने के लिए LG से मिले थे विजेंद्र गुप्ता: बीते शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा कैग की 14 रिपोर्ट को विधानसभा के सदन पटल पर रखने में जानबूझकर देर किए जाने के मामले में उपराज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को प्रस्तुत करने में आप सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी. विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, आबकारी नीति, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, हेल्थ, एजुकेशन, पॉल्युशन जैसे जो मुद्दे थे, उन सबका हिसाब किताब कैग की इन रिपोर्ट्स में दिया गया है.

भाजपा विधायकों के अनुसार, लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की 14 रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है. लेकिन दिल्ली सरकार अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमिताओं को छुपाने के लिए इन्हें जान बूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए और वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में समाप्त होने के मद्देनजर विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दें.

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