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दिल्ली विधानसभा चुनाव: तीन दशक के सियासी इतिहास में विधानसभा में नहीं पहुंच पाईं है दहाई अंक में महिला विधायकों की संख्या - WOMEN PARTICIPATION IN ELECTIONS

1993 से अभी तक चुनाव में अधिकतम 9 महिला ही निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचीं, जबकि सिर्फ तीन बार महिला मुख्यमंत्री बनी.

विधानसभा चुनाव 2025
विधानसभा चुनाव 2025 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 4, 2025, 7:40 AM IST

Updated : Feb 4, 2025, 7:43 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आने के साथ ही योजनाओं की झड़ी लग गई है. आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस अलग-अलग वर्ग के लिए कई घोषणाएं की है. सभी पार्टी दिल्ली चुनाव में महिला वोटर को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है. चाहे मुफ्त बिजली हो, पानी हो, महिला सम्मान राशि हो या महिला समृद्धि योजना या फिर कांग्रेस की प्यारी दीदी योजना, पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लगातार दो बार काबिज आम आदमी पार्टी सरकार महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए सबसे आगे है. ताकि वह पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बना सके. लेकिन 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी और भाजपा ने 9-9 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने भी 70 में से सिर्फ 8 सीटों पर महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है.

अभी तक हुए चुनाव में अधिकतम 9 महिला ही निर्वाचित होकर पहुंची हैं विधानसभा: आम आदमी पार्टी ने जिन 9 विधानसभा सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है, इनमें 6 मौजूदा महिला विधायक हैं. सिर्फ तीन चेहरे को पार्टी ने टिकट दिया है. राजनीतिक विश्लेषक अजय पांडेय बताते हैं कि वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटों में से महिला विधायकों की संख्या अधिकतम 9 से ज्यादा कभी नहीं रही है. हर चुनाव की तरह इस विधानसभा चुनाव में भी महिला मतदाताओं का समर्थन तो हर राजनीतिक दल चाहती है, लेकिन उनकी भागीदारी अधिक करने में वह आगे नहीं आ पाती. इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा को मिलाकर कुल 26 महिला प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में है. अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय महिला प्रत्याशियों की संख्या 70 है.

आम आदमी पार्टी से महिला प्रत्याशी 2025
आम आदमी पार्टी से महिला प्रत्याशी 2025 (ETV Bharat)

सात विधानसभा चुनाव में तीन बार बनीं महिला मुख्यमंत्री: वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा के सात चुनाव हुए हैं. इस दौरान दिल्ली को आठ मुख्यमंत्री मिले, जिनमें से तीन महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की सत्ता को चलाई हैं. वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में सर्वाधिक 9 महिला प्रत्याशी विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थी. अभी तक पुरुष विधायकों का प्रतिनिधित्व 61 व उससे अधिक रहा है. वर्ष 1993 में तीन महिलाएं निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. उसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में 9 महिलाएं विधानसभा पहुंची, उसके बाद वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में 7 महिला निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में फिर यह संख्या सात से घटकर तीन पर आ गई और दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के एंट्री के बाद हुए पहले चुनाव में वर्ष 2013 में तीन महिला विधायक चुनी गई थी. उसके बाद वर्ष 2015 में 6 और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 8 महिला विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. दिल्ली में हुए अब तक सात विधानसभा चुनाव में कुल 34 महिलाएं ही विधायक बनी हैं.

भाजपा महिला प्रत्याशी
भाजपा महिला प्रत्याशी (ETV Bharat)

वर्ष 1993 के पहले विधानसभा चुनाव में तीन महिला विधायक बनी थी. इनमें कांग्रेस से कृष्णा तीरथ, ताजदार बाबर और भाजपा से पूर्णिमा सेठी थीं. वर्ष 1998 में कांग्रेस से शीला दीक्षित पहली विधायक और फिर मुख्यमंत्री बनी, तब सबसे ज्यादा 9 महिला विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची थी. इनमें कांग्रेस से आठ और बीजेपी से एक विधायक सुषमा स्वराज निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थीं. विधायक बनने से पहले सुषमा स्वराज कुछ समय के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रहीं. और उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसके बाद भाजपा हार गई और अब तक भाजपा की दिल्ली में सरकार नहीं बन पाई है. आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुई रिचा पांडे मिश्रा जो अभी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में 9 महिलाओं को टिकट दिया गया और सभी वर्गों की महिलाओं को स्थान मिला है.

कांग्रेस महिला प्रत्याशी
कांग्रेस महिला प्रत्याशी (ETV Bharat)

मतदान में बढ़-चढ़कर महिला मतदाता लेतीं हैं हिस्सा: दिल्ली में महिला मतदाताओं की बात करें तो इनकी कुल संख्या 71.73 लाख है. जो कुल वोट का 46 फीसद के करीब है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 62.5 फीसद महिलाओं ने मतदान किया था. जबकि 62.6 फीसद पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया था. चुनाव आयोग के इन आंकड़ों को देखते हुए ही सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव मैदान में उतरने से पहले महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की है.

इस बार चुनाव मैदान में कुल 96 महिला प्रत्याशी: बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. इसके बाद दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे हैं. जिनमें से 603 प्रत्याशी पुरुष और 96 महिला प्रत्याशी मैदान में बची हैं. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी मतदाताओं की अंतिम सूची के अनुसार दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,24,858 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 और महिला मतदाताओं की संख्या 71,73,952 है.

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आने के साथ ही योजनाओं की झड़ी लग गई है. आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस अलग-अलग वर्ग के लिए कई घोषणाएं की है. सभी पार्टी दिल्ली चुनाव में महिला वोटर को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है. चाहे मुफ्त बिजली हो, पानी हो, महिला सम्मान राशि हो या महिला समृद्धि योजना या फिर कांग्रेस की प्यारी दीदी योजना, पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लगातार दो बार काबिज आम आदमी पार्टी सरकार महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए सबसे आगे है. ताकि वह पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बना सके. लेकिन 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी और भाजपा ने 9-9 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने भी 70 में से सिर्फ 8 सीटों पर महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है.

अभी तक हुए चुनाव में अधिकतम 9 महिला ही निर्वाचित होकर पहुंची हैं विधानसभा: आम आदमी पार्टी ने जिन 9 विधानसभा सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है, इनमें 6 मौजूदा महिला विधायक हैं. सिर्फ तीन चेहरे को पार्टी ने टिकट दिया है. राजनीतिक विश्लेषक अजय पांडेय बताते हैं कि वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटों में से महिला विधायकों की संख्या अधिकतम 9 से ज्यादा कभी नहीं रही है. हर चुनाव की तरह इस विधानसभा चुनाव में भी महिला मतदाताओं का समर्थन तो हर राजनीतिक दल चाहती है, लेकिन उनकी भागीदारी अधिक करने में वह आगे नहीं आ पाती. इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा को मिलाकर कुल 26 महिला प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में है. अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय महिला प्रत्याशियों की संख्या 70 है.

आम आदमी पार्टी से महिला प्रत्याशी 2025
आम आदमी पार्टी से महिला प्रत्याशी 2025 (ETV Bharat)

सात विधानसभा चुनाव में तीन बार बनीं महिला मुख्यमंत्री: वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा के सात चुनाव हुए हैं. इस दौरान दिल्ली को आठ मुख्यमंत्री मिले, जिनमें से तीन महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की सत्ता को चलाई हैं. वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में सर्वाधिक 9 महिला प्रत्याशी विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थी. अभी तक पुरुष विधायकों का प्रतिनिधित्व 61 व उससे अधिक रहा है. वर्ष 1993 में तीन महिलाएं निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. उसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में 9 महिलाएं विधानसभा पहुंची, उसके बाद वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में 7 महिला निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में फिर यह संख्या सात से घटकर तीन पर आ गई और दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के एंट्री के बाद हुए पहले चुनाव में वर्ष 2013 में तीन महिला विधायक चुनी गई थी. उसके बाद वर्ष 2015 में 6 और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 8 महिला विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. दिल्ली में हुए अब तक सात विधानसभा चुनाव में कुल 34 महिलाएं ही विधायक बनी हैं.

भाजपा महिला प्रत्याशी
भाजपा महिला प्रत्याशी (ETV Bharat)

वर्ष 1993 के पहले विधानसभा चुनाव में तीन महिला विधायक बनी थी. इनमें कांग्रेस से कृष्णा तीरथ, ताजदार बाबर और भाजपा से पूर्णिमा सेठी थीं. वर्ष 1998 में कांग्रेस से शीला दीक्षित पहली विधायक और फिर मुख्यमंत्री बनी, तब सबसे ज्यादा 9 महिला विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची थी. इनमें कांग्रेस से आठ और बीजेपी से एक विधायक सुषमा स्वराज निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थीं. विधायक बनने से पहले सुषमा स्वराज कुछ समय के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रहीं. और उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसके बाद भाजपा हार गई और अब तक भाजपा की दिल्ली में सरकार नहीं बन पाई है. आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुई रिचा पांडे मिश्रा जो अभी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में 9 महिलाओं को टिकट दिया गया और सभी वर्गों की महिलाओं को स्थान मिला है.

कांग्रेस महिला प्रत्याशी
कांग्रेस महिला प्रत्याशी (ETV Bharat)

मतदान में बढ़-चढ़कर महिला मतदाता लेतीं हैं हिस्सा: दिल्ली में महिला मतदाताओं की बात करें तो इनकी कुल संख्या 71.73 लाख है. जो कुल वोट का 46 फीसद के करीब है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 62.5 फीसद महिलाओं ने मतदान किया था. जबकि 62.6 फीसद पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया था. चुनाव आयोग के इन आंकड़ों को देखते हुए ही सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव मैदान में उतरने से पहले महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की है.

इस बार चुनाव मैदान में कुल 96 महिला प्रत्याशी: बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. इसके बाद दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे हैं. जिनमें से 603 प्रत्याशी पुरुष और 96 महिला प्रत्याशी मैदान में बची हैं. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी मतदाताओं की अंतिम सूची के अनुसार दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,24,858 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 और महिला मतदाताओं की संख्या 71,73,952 है.

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Last Updated : Feb 4, 2025, 7:43 PM IST
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