दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

साइकिल पर मां की लाश को लादकर 15KM ले गया बेटा, मानसिक तौर पर बीमार थी महिला - SON CARRIES MOTHER DEAD BODY

65 साल की शिवगामी तिरुनेलवेली जिले के नांगुनेरी के पास मीनावनकुलम की रहने वाली थी. वह मानसिक तौर पर बीमार थी.

ETV Bharat
बालन और शिवगामी (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2025, 11:06 PM IST

तिरुनेलवेली: तमिलनाडु में एक बेटे को अपनी मां के शव को साइकिल पर ले जाते हुए देखा गया. दिल को झकझोर देने वाली घटना राज्य के तिरुनेलवेली जिले में हुई है. मानसिक तौर पर बीमार मां जब जीवित थी तो बेटा उसे अलग-अलग स्थानों पर साइकिल पर घुमाता था. आज मां के मरने के बाद भी, वह उसके शव को साइकिल पर ले गया.

65 साल की शिवगामी तिरुनेलवेली जिले के नांगुनेरी के पास मीनावनकुलम की रहने वाली थी. उनके पति जेबामलाई का कई साल पहले निधन हो गया था. शिवगामी के तीन बेटे हैं, सावरिमुथु, सेल्वम और बालन. शिवगामी पिछले कई सालों से मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही थी. शिवगामी का छोटा बेटा बालन (40) भी थोड़ा मानसिक रूप से बीमार है. बालन ने पिछले चार सालों से अपनी मां शिवगामी को साइकिल पर बिठाकर विभिन्न स्थानों पर ले जाने की आदत बना ली थी.

खबर के मुताबिक, बालन मानसिक रूप से बीमार था लेकिन दूसरी तरफ, अन्य लोग उसकी मां पर उसके अपार स्नेह को महसूस कर सकते थे. बालन चार साल से बिना किसी सहारे के अपनी 60 साल से अधिक उम्र की मां की देखभाल साइकिल के सहारे कर रहा था. वह अपनी माँ को साइकिल पर बिठाकर घुमाने ले जाता था.

कुछ दिन पहले ही शिवगामी की तबीयत अचानक से खराब हो गई. किसी की सलाह पर बालन ने अपनी मां शिवगामी को इलाज के लिए पलायनकोट्टई के तिरुनेलवेली सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन गुरुवार शाम कुछ लोगों ने देखा कि, बालन मां शिवगामी के शव को कपड़े से बांधकर साइकिल पर तिरुनेलवेली शहर से तिरुनेलवेली-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते अपने गृहनगर मीनावंकुलम ले जा रहा था. जिन्होंने यह देखा, उन्होंने मुंद्रादाईपु पुलिस स्टेशन को सूचना दी.

सूचना के आधार पर पुलिस ने बालन को गिरफ्तार कर लिया और शिवगामी के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए तिरुनेलवेली सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया. आज (24 जनवरी) शिवगामी के शव का पोस्टमार्टम किया गया और उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि, क्या शिवगामी की मौत अस्पताल में ही हुई और बालन ने उसका शव वहां से ले गया. या फिर अस्पताल से जिंदा वापस लाए जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.

जब रिश्तेदारों ने बालन से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसकी मां सो रही थी.. उसने ठीक से खाना नहीं खाया था, इसलिए वह उसे घर ले आया. इस बीच सनसनीखेज खबरें सामने आईं कि शिवगामी की अस्पताल में मौत हो गई. खबर यह भी आई कि, इस मामले में अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने बहुत लापरवाही बरती.

हालांकि, तिरुनेलवेली सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रमुख रेवती बालन ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है. उन्होंने कहा कि शिवगामी की मौत अस्पताल में नहीं हुई . उन्होंने आरोप लगाया कि, बालन ने अपनी मां के इलाज में सहयोग नहीं किया. उसने कर्मचारियों की जानकारी के बिना अपनी मां को वहां से ले गया.

'बार-बार डांटने के बावजूद भी वह नहीं माना'
संवाददाताओं से बातचीत में बालन के बड़े भाई सावरिमुथु ने कहा, "पिछले चार सालों से मेरा भाई अपनी मां को साइकिल पर लेकर जाता रहा है. मां मानसिक रूप से बीमार थी. वह शहर में घूमना चाहता था. इसके लिए वह अपनी मां को साइकिल पर लेकर जाता है. बार-बार डांटने के बावजूद की मां को साइकिल पर लेकर नहीं जाए, फिर भी वह नहीं माना. खबर की विस्तृत जानकारी का इंतजार है.

ये भी पढ़ें:रहस्यमयी बीमारी से मौतें: बुधाल गांव में लोगों के चेहरे पर गहरी खामोशी, 'पता नहीं कौन होगा अगला शिकार'

ABOUT THE AUTHOR

...view details