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वैश्विक गंभीर चुनौतियों में भी बहुपक्षीय संस्थानों से नहीं निकला समाधान : जयशंकर - Global South Summit

Global South Summit, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बहुपक्षीय संस्थाएं उसका समाधान नहीं कर पाईं. पढ़िए पूरी खबर...

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर (X@DrSJaishankar)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 17, 2024, 8:43 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने एक बार फिर प्रमुख बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की पैरवी करते हुए कहा कि यह एक निर्विवाद तथ्य है कि जब वैश्विक व्यवस्था को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तब भी संबंधित संस्थाएं उसका समाधान नहीं दे पाईं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन में विकासशील देशों को कम लागत वाले वित्तपोषण और महत्वूर्ण टेक्नोलॉजी प्रदान करने का आह्वान किया. भारत ने सम्मेलन की डिजिटल रूप से मेजबानी की. शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों के सत्र में जयशंकर ने कहा कि इसका कारण बहुपक्षीय संगठनों का ध्रुवीकरण का होना है. उन्होंने कहा कि यहां भी भारत ने सुधारवादी बहुपक्षवाद की वकालत की है और जी-20 के जरिए बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार की मांग की है. विदेश मंत्री ने कहा कि एक समूह के रूप में, हमें अपने मुद्दे को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

भारत संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अलावा बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार को लेकर दबाव बनाने के साथ ही तर्क देता रहा है कि इनमें वर्तमान दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित होना चाहिए. उन्होंने आर्थिक लचीलेपन को मजबूत करने के अलावा जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा परिवर्तन, बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने समेत डिजिटल बदलावों को लोकतांत्रिक बनाने के विशिष्ट क्षेत्रों में अपने विचार व्यक्त किए.

आर्थिक लचीलेपन पर जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के साथ ही जलवायु संबंधी घटनाओं ने विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की जरूरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को रिस्क से छुटकारा दिलाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में विविधता लाने की भी बहुत जरूरत है. वहीं जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जोखिम, बदलाव के लिए उपायों की लागत और संसाधनों तक पहुंच तीन बड़े मुद्दे हैं.

जयशंकर ने कहा कि जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हमने न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तनों को बताने का प्रयास किया. उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने ग्लोबल साउथ पर विभिन्न संघर्षों और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के प्रभाव को लेकर बात की. जयशंकर ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब विश्व कई संघर्षों, तनावों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि विचारों के इस आदान-प्रदान का मकसद इस प्रक्रिया के द्वारा से हमारे हितों को बताना है.

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