दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

केरल में विशु उत्सव के लिए लोगों की जान को खतरे में डालकर बसों से हो रही पटाखों की तस्करी - Vishu Festival in Kerala - VISHU FESTIVAL IN KERALA

Vishu Festival in Kerala, केरल में इन दिनों विशु उत्सव की तैयारियां जोरों पर है. इसके चलते यहां हर साल करोड़ों रुपये के पटाखों की बिक्री होती है. अब ऐसे में यहां पटाखों की अवैध तस्करी भी हो रही है और दूसरे राज्यों से पटाखे बिक्री के लिए लाए जा रहे हैं. सबसे खतरनाक बात यह है कि इन पटाखों की तस्करी लोगों की जान को खतरे में डालकर सार्वजनिक परिवहन से की जा रही है.

smuggling of firecrackers
पटाखों की तस्करी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 29, 2024, 5:59 PM IST

कन्नूर: मालाबार के निवासी पटाखों के बिना विशु उत्सव की कल्पना नहीं कर सकते. उत्तरी मालाबार अप्रैल की शुरुआत में ही पटाखों की आवाज से गूंजने लगता है. पिछले वर्ष से विशु उत्सव ने अपनी भव्यता पुनः प्राप्त की है, जो कोविड काल में फीका पड़ गया था. केरल में कोझिकोड से कासरगोड तक के जिलों में विशु उत्सव बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है.

पटाखा कंपनियां इस उत्सव में पटाखों की आपूर्ति कर ज्यादा से ज्यादा बिक्री करने का अवसर तलाशती हैं. बढ़ती मांग का फायदा उठाते हुए, शिवकाशी में कुछ पटाखा कंपनियों ने ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू कर दिया और सभी सुरक्षा उपायों और सावधानियों का उल्लंघन करते हुए ट्रकों और पार्सल सेवाओं में पटाखों की डिलीवरी शुरू कर दी.

पटाखा कंपनियां अपने फायदे के लिए ग्राहकों से ऑनलाइन ऑर्डर ले रही हैं और उन्हें सीधे डिलीवरी कर रही हैं. यह समस्या उत्तरी केरल में गंभीर सुरक्षा ख़तरा पैदा कर रही है. मौजूदा कानून के अनुसार ट्रेनों और बसों सहित यात्री वाहनों में पटाखों का परिवहन नहीं किया जा सकता है.

लेकिन इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए पर्यटक बसों के जरिए भी दूसरे राज्यों से पटाखे केरल पहुंच रहे हैं. फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन का आरोप है कि ये पटाखा कंपनियां अपने पार्सल भेजने के लिए टूरिस्ट बसों तक का इस्तेमाल कर रही हैं. गंभीर दुर्घटनाओं को न्यौता देने वाले इस अवैध पटाखा कारोबार के पीछे मालाबार जिलों में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है.

वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके विभिन्न केंद्रों पर पटाखे भेज रहे हैं और लोगों को अवैध बिक्री शुरू करने में मदद कर रहे हैं. फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन कन्नूर के जिला सचिव एस. आनंदकृष्णन ने कहा कि 'चुनावी मौसम होने के कारण सरकारी अधिकारी इस अवैध व्यापार को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'

आनंदकृष्णन ने कहा कि 'ज्यादातर पटाखे दूसरे राज्यों से ट्रकों और पार्सल सेवाओं के माध्यम से आ रहे हैं. पार्सल सेवा कंपनियां आमतौर पर कानून का उल्लंघन कर पटाखों को पार्सल के रूप में भेजने की अनुमति देती हैं. यह तरीका लोगों की सुरक्षा के लिए ख़तरा है.' आतिशबाजी रखने और बेचने के लिए राज्य की लाइसेंसिंग प्रणाली सख्त है.

उत्तरी मालाबार जिलों में 1,500 किलोग्राम से अधिक के पटाखे इकट्ठा करने और बेचने के लिए लगभग 80 बड़े पैमाने पर लाइसेंसधारी हैं. करीब 1,500 छोटे व्यापारी भी लाइसेंस लेकर मार्केटिंग कर रहे हैं. पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन के लाइसेंस धारकों को 1,500 किलोग्राम से अधिक के पटाखे इकट्ठा करने और बेचने की अनुमति है.

आनंदकृष्णन ने कहा कि 'छोटे व्यवसायों के पास जिला स्तरीय लाइसेंस हैं. ऐसी सख्त लाइसेंस प्रणाली वाले राज्य में, ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार किए जाते हैं और पटाखे भीड़ भरी सड़कों पर आते हैं. इस रास्ते से क्विंटलों पटाखों की तस्करी हो रही है. लोगों की सुरक्षा के लिए बिना किसी नियंत्रण के दुर्घटनाओं को न्यौता देने वाले पटाखों का आगमन बंद किया जाना चाहिए.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details