भिवानी :हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट की मजबूत दावेदार श्रुति चौधरी को पार्टी ने साइडलाइन करते हुए उनका टिकट काट दिया. टिकट काटने से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी को जो झटका लगा है, उससे साफ है कि पार्टी को उनमें चुनाव जीतने की उम्मीद नज़र नहीं आती. कांग्रेस के भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह को टिकट दिए जाने के बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी शनिवार को भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान श्रुति चौधरी काफी ज्यादा इमोशनल नज़र आई और टिकट ना मिलने को लेकर उनका दर्द छलकता हुआ नज़र आया.
भावुक नज़र आई श्रुति चौधरी :टिकट ना मिलने का दर्द क्या होता है, कोई कांग्रेस नेता श्रुति चौधरी से पूछे. ऐसा इसलिए क्योंकि आज वे कार्यकर्ताओं के बीच काफी ज्यादा भावुक नज़र आई. यहां तक कि उनको कार्यकर्ता से रूमाल तक मांगना पड़ गया. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से वे प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं. सबसे आगे उन्हीं का नाम चल रहा था लेकिन ऐन मौके पर पार्टी ने राव दान सिंह को टिकट दे दिया. इसके बाद आज दोनों किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने का फैसला लिया और मंच से तमाम कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
"संघर्ष करना पड़ता है": श्रुति चौधरी ने कहा कि जो पार्टी ने फैसला किया है, वे उसके साथ हैं. श्रुति ने कहा कि उन्होंने यहां काम किया है. हालांकि राव दान सिंह के लिए वे जरूर प्रचार करेंगी. टिकट काटे जाने के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे हुआ, उसमें भी वे ऊपर थी. बहुत सारी बातें होती हैं लेकिन पार्टी का फैसला मानना पड़ता है. एक इमोशनल इश्यू है. ये सिर्फ चुनाव नहीं है, बंसीलाल के सामने भी कई बार ऐसे समय आए जब उन्हें भी रोका गया, ऐसे मोड़ आए और लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. यहां के लोग साथ खड़े हैं. वे कार्यकर्ताओं से कहना चाहती हैं कि उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.
"कौन हावी रहा, क्या चर्चा करें ":किरण चौधरी ने इस दौरान कहा कि भिवानी जिला चौधरी बंसीलाल की पहचान है और उन्होंने श्रुति के साथ यहां बहुत काम किया है. ये उनका इलाका है. उनका घर है. लेकिन पार्टी ने जो फैसला लिया है, वो सिर माथे पर है. जब मीडिया ने हुड्डा गुट के टिकट बंटवारे में हावी रहने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कौन हावी रहा, कौन नहीं रहा, इस पर क्या चर्चा करना.