मुंबई:जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कांग्रेस पर हमला किया. शिवसेना ने इंडिया गठबंधन की दुहाई देते हुए कांग्रेस पर कड़ी टिप्पणी की. इसी के साथ आगामी महाराष्ट्र चुनाव में गठबंधन को लेकर भी संकेत दिए. सामना में इस संपादकीय के प्रकाशन के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल, सीपीआई महासचिव डी राजा समेत अन्य नेताओं ने कांग्रेस को नसीहत दी.
सामना में कहा गया कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने अति आत्मविश्वास दिखाया. इसी का परिणाम निकला की चुनाव हार गई. हरियाणा में लोगों का मूड कांग्रेस के पक्ष में था. लोग बीजेपी के खिलाफ थे. सभी सर्वे एजेंसियों ने कांग्रेस की जीत पक्की कर दी थी. सर्वे एजेंसियों ने एकतरफा जीत का ऐलान किया था. लेकिन नतीजे ठीक इसके विपरित निकले. जीत की पारी को हार में कैसे बदला जाए यह कांग्रेस से ही सीखा जा सकता है.
आगे लिखा गया कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांन्फ्रेंस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया. भाजपा का सपना साकार नहीं हो सका. बीजेपी की ओर से अनुच्छेद 370 का हवाला देकर जीत के दावे किए गए. घाटी में आतंकवाद खत्म नहीं हो सका. युवाओं में बेरोजगारी है. कश्मीरी पंडितों को वापस नहीं लाया गया. इन सब मुद्दों के चलते बीजेपी केंद्र शासित प्रदेश में पिछड़ गई.
पीएम मोदी को कश्मीर के लोगों ने खारिज कर दिया. वहीं, हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में महौल होने के बावजूस पार्टी इसका फायदा नहीं उठा सकी. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की नैया डुबो दी. दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान हुड्डा को रोकने में विफल रहा. हरियाणा के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर जबरदस्त आंदोलन किया. हरियाणा की महिला पहलवानों से छेड़छाड़ के मुद्दे पर बीजेपी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ बने माहौल का कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ.
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की जीत का दावा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी इसमें लिखा गया. कहा गया कि महाराष्ट्र के लोग हरियाणा की राह पर नहीं चलेंगे. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की जीत होगी. मराठी लोग पीएम मोदी- और अमित शाह, फडणवीस-शिंदे के खिलाफ हैं. वहीं, कांग्रेस को नसीहत देते कहा कि राज्य में पार्टी नेताओं को हरियाणा के नतीजों से बहुत कुछ सीखना होगा. कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करने को लेकर कहा उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी नहीं चाहिए थी. इस खेल में हरियाणा हाथ से निकल गया. आगे लिखा गया कि जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन की जीत हुई है. वहीं, हरियाणा में केवल कांग्रेस पीछे हटी. इससे साफ है कि इंडिया गठबंधन के लिए तस्वीर अच्छी नहीं.