सरगुजा: जगन्नाथ पुरी गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती तीन दिवसीय दौरे पर अंबिकापुर में ठहरे हैं. शंकराचार्य ने कहा है कि सेक्यूलर होकर भी मठ और मंदिरों के काम में हस्तक्षेप किए जाने की आदत सहीं बात नहीं है. सनातनी हिंदू के घर से एक एक रुपए निकलना चाहिए और मंदिरों तक पहुंचना चाहिए. अगर सनातन विद्या से धर्म का पालन किया जाता तो आज ये हालात नहीं बनते. शंकराचार्य ने कहा कि शंकराचार्य को नकली नहीं होना चाहिए. शंकराचार्य को सपाई, भाजपाई या कांग्रेसी भी नहीं होना चाहिए.
शंकराचार्य नकली नहीं होना चाहिए, सपाई भाजपाई और कांग्रेसी मानसिकता का भी न हो: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती - Shankaracharya should not be fake
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती सरगुजा दौरे पर हैं. तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन शंकराचार्य ने कहा कि ''शंकराचार्य को नकली नहीं होना चाहिए. शंकराचार्य को सपाई, भाजपाई और कांग्रेसी मानसिकता का भी नहीं होना चाहिए''.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 27, 2024, 5:46 PM IST
|Updated : Sep 27, 2024, 6:24 PM IST
''शंकराचार्य नकली नहीं होने चाहिए'': शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सनातनी विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि शंकराचार्य नकली नहीं हों. किसी पार्टी की विचारधारा से भी प्रभावित नहीं हों. मठ मंदिरों के काम में किसी तरह का हस्तक्षेप भी नहीं होना चाहिए. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती तीन दिनों तक अंबिकापुर में प्रवास करेंगे. संगोष्ठि के जरिए शंकराचार्य ने धर्म और राजनीति को लेकर काफी कुछ कहा. शंकराचार्य ने गौ हत्या और सनातन धर्म की रक्षा पर भी अपनी राय रखी. धर्मांतरण को लेकर भी शंकराचार्य ने लोगों को आगाह किया.
''मैंने सुप्रीम कोर्ट में कहा था'': शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि यहां तो सरकार मंदिरों का संचालन करती है. मैंने तो सुप्रीम कोर्ट में कहा था. सेक्यूलर सिस्टम किसी भी धार्मिक प्रयोजन का हिस्सा नहीं बन सकती है. लेकिन यहां तो यहीं सेक्यूलर सिस्टम मठ औ मंदिरों का संचालन करते हैं. जगन्नाथ पुरी गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती तीन दिनों तक सरगुजा में रहेंगे. शंकराचार्य की संगोष्ठि में शामिल होने के लिए पहले दिन भारी संख्या में लोग पहुंचे. लंबे वक्त के बाद शंकराचार्य का प्रवास सरगुजा के अंबिकापुर में हुआ है.