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कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को पंजाब में बैन करने की मांग, SGPC ने CM को लिखा पत्र - FILM EMERGENCY CONTROVERSY

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' का पंजाब में विरोध हो रहा है. एसजीपीसी ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.

SGPC Demands ban on film Emergency screening in Punjab, writes letter to CM Mann
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को पंजाब में बैन करने की मांग, SGPC ने CM को लिखा पत्र (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2025, 6:01 PM IST

चंडीगढ़: भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' का पंजाब में विरोध शुरू हो गया है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. एसजीपीसी ने फिल्म पर सिखों की छवि खराब करने और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है और यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होने जा रही है.

एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि अगर यह फिल्म रिलीज होती है तो इससे सिख समुदाय में रोष और नाराजगी पैदा होगी. इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य में इस फिल्म पर रोक लगाए. अगर यह फिल्म रिलीज होती है तो एसजीपीसी इसका कड़ा विरोध करेगी.

एसजीपीसी ने एक्स पर दी जानकारी
एसजीपीसी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 'शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए 17 जनवरी 2025 को पंजाब में इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि यह सिखों की छवि को धूमिल करती है और इतिहास को गलत तरीके से पेश करती है. इस संबंध में पंजाब के सभी डिप्टी कमिश्नरों को भी पत्र भेजे गए हैं."

एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने लिखा है कि हमारे संज्ञान में आया है कि फिल्म इमरजेंसी 17 जनवरी को पंजाब के विभिन्न शहरों के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई है. इस फिल्म को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को 14 नवंबर 2024 को पत्र भेजकर अपना विरोध व्यक्त किया था और अंतरिम कमेटी का प्रस्ताव नंबर 798 दिनांक 28 दिसंबर 2024 भेजा था, जिस पर पहले ही आपत्ति दर्ज की जा चुकी है.

फिल्म 'इमरजेंसी' को पंजाब में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यह सिखों को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के मकसद से बनाई गई है. प्रस्ताव में मांग की गई कि राज्य सरकार को इस फिल्म को पंजाब में रिलीज करने से रोकना चाहिए, लेकिन अफसोस की बात है कि AAP के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज तक कोई कदम नहीं उठाया. - हरजिंदर सिंह धामी, अध्यक्ष एसजीपीसी

'हम फिल्म को चलने नहीं देंगे'
धामी ने लिखा कि अगर यह फिल्म 17 जनवरी को रिलीज होती है तो सिख जगत में रोष पैदा होना स्वाभाविक है. हम आपको बताना चाहते हैं कि यह फिल्म 1984 में सिखों के पवित्र स्थलों सचखंड, श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य स्थानों पर हुए जानलेवा हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार के खिलाफ जहर उगलती है. देश में सिख विरोधी एजेंडे पर काम किया गया है. साथ ही फिल्म में सिख समुदाय के शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को भी दर्शाया गया है. इस पत्र के माध्यम से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक बार फिर पुरजोर मांग करती है कि 'इमरजेंसी' को 17 जनवरी को पंजाब में रिलीज होने से तुरंत रोका जाए. हम फिल्म को चलने नहीं देंगे. अगर यह फिल्म पंजाब में रिलीज होती है तो हम राज्य स्तर पर इसका पुरजोर विरोध करने को मजबूर होंगे.

अमृतसर में फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ गुरुवार को लोगों ने अमृतसर में प्रदर्शन किया. एसजीपीसी का एक प्रतिनिधिमंडल अमृतसर डीसी कार्यालय पहुंचा और डीसी को ज्ञापन सौंपा.

फिल्म को लेकर क्या है विवाद
फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा के अलावा एसजीपीसी ने इस फिल्म पर आपत्ति जताई थी. पहले यह फिल्म 6 सितंबर 2024 को रिलीज होनी थी, लेकिन विरोध के बाद इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) से मंजूरी नहीं मिली. करीब चार महीने पहले सिख संगठनों की आपत्ति के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म का सर्टिफिकेट रोक दिया था. बोर्ड ने इस फिल्म के 3 सीन हटाने के निर्देश दिए थे. साथ ही सख्त निर्देश भी दिए थे कि फिल्म रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं. इन बदलावों के बाद ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी दी थी.

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