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मिड डे मील खाने से 40 बच्चे बीमार, इलाज के बाद सुधरी तबीयत - Food poisoning - FOOD POISONING

Several children felt sick after eating mid day meal. दुमका में मिड डे मील खाने से 40 बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी है. इसको लेकर अभिभावकों में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी दिखाई. ये घटना मसलिया प्रखंड के मोहनपुर गांव स्थित प्लस टू हाई स्कूल की है.

Several children health deteriorated after eating mid day meal in Dumka
मिड डे मील खाने से कई बच्चे बीमार (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2024, 9:56 PM IST

दुमकाः जिला में मसलिया प्रखंड के मोहनपुर गांव स्थित प्लस टू हाई स्कूल के 40 बच्चे मिड डे मील खाने के बाद बीमार हो गए. उन्हें तत्काल स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाया गया. चिकित्सकों के द्वारा इलाज के बाद बच्चों की स्थिति सुधर गई और उन्हें वापस घर भेज दिया गया है.

अस्पताल में बीमार बच्चे और अभिभावक (ETV Bharat)

क्या है पूरा मामला

दुमका जिला के मसलिया के प्लस टू उच्च विद्यालय मोहनपुर के 40 बच्चों की तबीयत शुक्रवार को मिड डे मील खाने के बाद से बिगड़ गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि कोई विषाक्त पदार्थ भोजन में गिर गया था. इस विद्यालय में पहली से बारहवीं तक पढ़ाई होती है. मध्याह्न भोजन की व्यवस्था आठवीं तक के बच्चों के लिए होती है, लिहाजा बीमार पड़नेवाले सभी बच्चे आठवीं तक के ही थे. खाना खाने के बाद कुछ बच्चों का जी मचलने लगा तो कुछ को उल्टी होने लगी तो कुछ बच्चों का पेट में दर्द, गले में दर्द जैसी परेशानी होने लगी.

इसकी सूचना अभिभावकों को हुई तो तुरंत स्कूल पहुंचे और एंबुलेंस को फोन किया गया. चिकित्सक सहित एंबुलेंस स्कूल पहुंची. बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा थी. एक एंबुलेंस से अस्पताल लाना संभव नहीं था. एक एंबुलेंस में 25 बच्चें को पहली बार लाया गया. दूसरा एंबुलेंस भेजकर सभी बच्चों को अस्पताल मसलिया लाया गया. जहां चिकित्सकों ने बच्चों का इलाज किया, दवाई, इंजेक्शन, ओआरएस, सलाइन आदि देकर बच्चों का सेहत में सुधार लाया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को इलाज किया गया है, सभी बच्चे अभी अंडर कंट्रोल में है और उनकी स्थिति सामान्य है.

अभिभावकों को दिखी नाराजगी

इस घटना को लेकर अभिभावक सहदेव हांसदा ने बताया कि रसोइया और प्रभारी प्रधानाध्याक इसके लिए जिम्मेदार है. गनीमत रही कि बच्चों को ज्यादा कुछ परेशानी नहीं हुई. शिक्षकों और रसोइया पर कार्रवाई होना चाहिए. अभिभावकों का यह भी कहना था कि ऐसी परिस्थिति में बच्चों के पास विद्यालय के शिक्षकों को अस्पताल में होना चाहिए था लेकिन वे नहीं दिखे, सिर्फ एक शिक्षक अस्पताल पहुंचे थे. कुछ समय के बाद वह भी गायब हो गये.

सूचना पाकर पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी पहुंचीं सीएचसी

इस मामले की सूचना पाकर दुमका के सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद सिंह पहुंचे और वहां चल रही चिकित्सा और बच्चों की सेहत की जानकारी ली. पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी भी मसलिया सीएचसी पहुंचीं और बच्चों के साथ उनके अभिभावकों से बात की और उनके सेहत की जानकारी ली. चिकित्सक को बेहतर इलाज करने को कहा. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं स्कूल प्रबंधन की यह कोताही है, जिसके कारण बच्चों को परेशानी झेलना पड़ा. दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

डीएसई ने कहा होगी जांच

इस घटना को लेकर दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार हेंब्रम ने बताया कि एक जांच टीम गठित कर पूरे प्रकरण की जांच करायी जाएगी. दोषी पाए गए शिक्षकों व रसोइया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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