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मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, कुख्यात अमन साहू के फाइनेंस और हथियार नेटवर्क का खुलेगा राज - CRIMINAL MAYANK SINGH

कुख्यात मयंक सिंह के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड एटीएस ने बाकू कोर्ट में सारे साक्ष्य जमा कर दिए हैं.

Mayank Singh
मयंक सिंह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 22, 2025, 5:33 PM IST

रांची: झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा को अजरबैजान से भारत लाने का रास्ता अब साफ होता जा रहा है. झारखंड एटीएस ने केंद्रीय एजेंसी की मदद से बाकू कोर्ट में वे सारे साक्ष्य जमा कर दिए हैं, जिससे मयंक सिंह का भारत प्रत्यर्पण हो सकेगा.

मयंक को मिलेगा अपील का मौका

झारखंड पुलिस ने अपने मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा को अजरबैजान से भारत प्रत्यर्पित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है. जानकारी के अनुसार, पुख्ता दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर अजरबैजान की एक कोर्ट ने मयंक सिंह को कुख्यात अपराधी मान लिया है, लेकिन मयंक सिंह को उच्च न्यायालय में अपील करने का मौका भी दिया जाएगा. फिलहाल मयंक सिंह अजरबैजान की राजधानी बाकू की जेल में बंद है. इस संबंध में इंटरपोल भी लगातार झारखंड एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों से पत्राचार कर रहा है.

सभी कागजी कार्रवाई पूरी

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक सिंह के प्रत्यर्पण को लेकर जो भी कागजी कार्रवाई होनी थी, वह पूरी कर ली गई है. झारखंड एटीएस की टीम को केंद्रीय एजेंसियों ने काफी मदद की है. अजरबैजान पुलिस और इंटरपोल के बीच समन्वय स्थापित करने में केंद्रीय एजेंसियों की अहम भूमिका रही है, झारखंड एटीएस ने बाकू कोर्ट में मयंक सिंह के खिलाफ सबूतों को बेहतरीन तरीके से पेश किया है.

जानकारी देते झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा (Etv Bharat)

अजरबैजान से है भारत की प्रत्यर्पण संधि

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि भारत का अजरबैजान के साथ पहले से ही प्रत्यर्पण संधि है. जिसका फायदा मयंक सिंह के मामले में मिलने वाला है. एटीएस एसपी ने बताया कि हमने प्रत्यर्पण के लिए समय सीमा के भीतर बाकू पुलिस को रिक्वेस्ट भेज दिया था.

अमन साव का खुलेगा राज

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक को भारत लाने से झारखंड पुलिस ही नहीं, बल्कि राज्य की कई अन्य पुलिस को भी फायदा होगा. मयंक गैंगस्टर अमन साव के पूरे हथियार नेटवर्क के साथ-साथ फाइनेंशियल नेटवर्क को भी संभालता था. मयंक से पूछताछ के बाद की गई कार्रवाई से अमन साव के हथियार और फाइनेंशियल नेटवर्क दोनों को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी.

प्रत्यर्पित होने वाला झारखंड का पहला क्रिमिनल

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव और अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर बन चुके लॉरेंस का करीबी मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा झारखंड का पहला अपराधी होगा, जिसे विदेश से गिरफ्तार किया गया और अब उसे बाकू से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जाएगा. राजस्थान का रहने वाला मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा काफी कुख्यात अपराधी है.

मयंक अक्सर सोशल मीडिया पर अत्याधुनिक हथियारों और अपनी आलीशान जिंदगी की तस्वीरें पोस्ट कर सुर्खियों में रहता था. झारखंड पुलिस के अथक प्रयासों के बाद पिछले साल मयंक सिंह को अजरबैजान की राजधानी बाकू से गिरफ्तार किया गया था.

मयंक के खिलाफ किया गया था रेड कॉर्नर नोटिस जारी

पिछले पांच साल से झारखंड पुलिस को यह पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है. अथक प्रयासों के बाद एटीएस की टीम ने पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है, जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है. जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया और रेड कॉर्नर नोटिस के चलते वह अजरबैजान में पकड़ा गया.

लॉरेंस का बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा अपराध की दुनिया में जाना-माना नाम है. कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन के दोस्त मयंक सिंह का पूरा नाम सुनील सिंह मीणा है. लॉरेंस और मयंक ने एक साथ अपराध की दुनिया में कदम रखा था. मयंक अपराध के कई मामलों में जेल भी जा चुका है. लेकिन पिछले 2 साल से वह मलेशिया में बैठकर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के साथ लॉरेंस के इशारे पर काम कर रहा था.

मयंक सिंह, अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी है. मयंक सिंह का मुख्य काम इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारियों को धमकाना है. मयंक सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और मलेशिया में बैठकर वह सोशल मीडिया के जरिए अपने गिरोह के बारे में खुलकर अपनी बात रखता था.

एक साल पहले ही हुई थी मयंक की पहचान

पिछले साल तक झारखंड पुलिस के लिए मयंक सिंह एक अनसुलझी पहेली बना हुआ था. एटीएस की जांच में यह बात सामने आई कि इंटरनेट कॉल के जरिए झारखंड के कारोबारियों को आतंकित करने वाला मयंक सिंह असल में सुनील कुमार मीणा है. झारखंड का शायद ही कोई ऐसा कारोबारी हो, जिसे इंटरनेट कॉल पर मयंक ने धमकाया न हो. मयंक उर्फ ​​सुनील मीणा के खिलाफ एटीएस थाने समेत झारखंड के एक दर्जन थानों में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

पहचान के बाद शुरू हुई कार्रवाई

मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा के बारे में पूरी जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की टीम ने राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना स्थित मीना के घर पर डुगडुगी बजा कर इश्तेहार भी चस्पा किया था. नई मंडी थाना पुलिस की मदद से एटीएस ने सुनील मीणा उर्फ ​​मयंक सिंह की कई चल-अचल संपत्तियों का भी पता लगाया है. सुनील मीणा ने खौफ से कमाए पैसों से नया मकान बनवाया है और महंगी कारें भी खरीदी हैं. एटीएस ने मयंक उर्फ ​​सुनील मीणा के खिलाफ राजस्थान में कुर्की-जब्ती भी की है.

पासपोर्ट भी किया गया था ब्लॉक

मयंक की पहचान होते ही झारखंड एटीएस की ओर से उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी गई. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने पहले बताया था कि झारखंड पुलिस के लिखित अनुरोध पर सुनील मीणा का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था.

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मयंक को मिलेगा अपील का मौका

झारखंड पुलिस ने अपने मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा को अजरबैजान से भारत प्रत्यर्पित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है. जानकारी के अनुसार, पुख्ता दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर अजरबैजान की एक कोर्ट ने मयंक सिंह को कुख्यात अपराधी मान लिया है, लेकिन मयंक सिंह को उच्च न्यायालय में अपील करने का मौका भी दिया जाएगा. फिलहाल मयंक सिंह अजरबैजान की राजधानी बाकू की जेल में बंद है. इस संबंध में इंटरपोल भी लगातार झारखंड एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों से पत्राचार कर रहा है.

सभी कागजी कार्रवाई पूरी

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक सिंह के प्रत्यर्पण को लेकर जो भी कागजी कार्रवाई होनी थी, वह पूरी कर ली गई है. झारखंड एटीएस की टीम को केंद्रीय एजेंसियों ने काफी मदद की है. अजरबैजान पुलिस और इंटरपोल के बीच समन्वय स्थापित करने में केंद्रीय एजेंसियों की अहम भूमिका रही है, झारखंड एटीएस ने बाकू कोर्ट में मयंक सिंह के खिलाफ सबूतों को बेहतरीन तरीके से पेश किया है.

जानकारी देते झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा (Etv Bharat)

अजरबैजान से है भारत की प्रत्यर्पण संधि

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि भारत का अजरबैजान के साथ पहले से ही प्रत्यर्पण संधि है. जिसका फायदा मयंक सिंह के मामले में मिलने वाला है. एटीएस एसपी ने बताया कि हमने प्रत्यर्पण के लिए समय सीमा के भीतर बाकू पुलिस को रिक्वेस्ट भेज दिया था.

अमन साव का खुलेगा राज

झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक को भारत लाने से झारखंड पुलिस ही नहीं, बल्कि राज्य की कई अन्य पुलिस को भी फायदा होगा. मयंक गैंगस्टर अमन साव के पूरे हथियार नेटवर्क के साथ-साथ फाइनेंशियल नेटवर्क को भी संभालता था. मयंक से पूछताछ के बाद की गई कार्रवाई से अमन साव के हथियार और फाइनेंशियल नेटवर्क दोनों को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी.

प्रत्यर्पित होने वाला झारखंड का पहला क्रिमिनल

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव और अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर बन चुके लॉरेंस का करीबी मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा झारखंड का पहला अपराधी होगा, जिसे विदेश से गिरफ्तार किया गया और अब उसे बाकू से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जाएगा. राजस्थान का रहने वाला मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा काफी कुख्यात अपराधी है.

मयंक अक्सर सोशल मीडिया पर अत्याधुनिक हथियारों और अपनी आलीशान जिंदगी की तस्वीरें पोस्ट कर सुर्खियों में रहता था. झारखंड पुलिस के अथक प्रयासों के बाद पिछले साल मयंक सिंह को अजरबैजान की राजधानी बाकू से गिरफ्तार किया गया था.

मयंक के खिलाफ किया गया था रेड कॉर्नर नोटिस जारी

पिछले पांच साल से झारखंड पुलिस को यह पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है. अथक प्रयासों के बाद एटीएस की टीम ने पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है, जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है. जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया और रेड कॉर्नर नोटिस के चलते वह अजरबैजान में पकड़ा गया.

लॉरेंस का बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा अपराध की दुनिया में जाना-माना नाम है. कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन के दोस्त मयंक सिंह का पूरा नाम सुनील सिंह मीणा है. लॉरेंस और मयंक ने एक साथ अपराध की दुनिया में कदम रखा था. मयंक अपराध के कई मामलों में जेल भी जा चुका है. लेकिन पिछले 2 साल से वह मलेशिया में बैठकर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के साथ लॉरेंस के इशारे पर काम कर रहा था.

मयंक सिंह, अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी है. मयंक सिंह का मुख्य काम इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारियों को धमकाना है. मयंक सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और मलेशिया में बैठकर वह सोशल मीडिया के जरिए अपने गिरोह के बारे में खुलकर अपनी बात रखता था.

एक साल पहले ही हुई थी मयंक की पहचान

पिछले साल तक झारखंड पुलिस के लिए मयंक सिंह एक अनसुलझी पहेली बना हुआ था. एटीएस की जांच में यह बात सामने आई कि इंटरनेट कॉल के जरिए झारखंड के कारोबारियों को आतंकित करने वाला मयंक सिंह असल में सुनील कुमार मीणा है. झारखंड का शायद ही कोई ऐसा कारोबारी हो, जिसे इंटरनेट कॉल पर मयंक ने धमकाया न हो. मयंक उर्फ ​​सुनील मीणा के खिलाफ एटीएस थाने समेत झारखंड के एक दर्जन थानों में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

पहचान के बाद शुरू हुई कार्रवाई

मयंक सिंह उर्फ ​​सुनील मीणा के बारे में पूरी जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की टीम ने राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना स्थित मीना के घर पर डुगडुगी बजा कर इश्तेहार भी चस्पा किया था. नई मंडी थाना पुलिस की मदद से एटीएस ने सुनील मीणा उर्फ ​​मयंक सिंह की कई चल-अचल संपत्तियों का भी पता लगाया है. सुनील मीणा ने खौफ से कमाए पैसों से नया मकान बनवाया है और महंगी कारें भी खरीदी हैं. एटीएस ने मयंक उर्फ ​​सुनील मीणा के खिलाफ राजस्थान में कुर्की-जब्ती भी की है.

पासपोर्ट भी किया गया था ब्लॉक

मयंक की पहचान होते ही झारखंड एटीएस की ओर से उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी गई. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने पहले बताया था कि झारखंड पुलिस के लिखित अनुरोध पर सुनील मीणा का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था.

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