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जम्मू-कश्मीर: चुनाव से पहले टारगेट किलिंग से बढ़ी चिंता, आतंकियों से सख्ती से निपटने की तैयारी - Lok Sabha Election 2024

Targeted Killings in Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में सात माई को मतदान होगा. लेकिन इससे पहले क्षेत्र में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. आतंकी चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए लोगों में भय का माहौल पैदा करने चाहते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Targeted Killings in Kashmir
जम्मू-कश्मीर टारगेट किलिंग

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 23, 2024, 7:13 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच आतंकी घटनाएं भी बढ़ रही हैं. अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में जहां चुनाव को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, वहीं हालिया आतंकी घटनाओं से लोग डर के साये में हैं. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को अनंतनाग-राजौरी में मतदान होना है. यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मियां अल्ताफ और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जैसे दिग्गजों के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है. लेकिन चुनावी सरगर्मी के बीच क्षेत्र में लक्षित हत्याओं की घटनाओं से सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया को लेकर चिंता बढ़ गई है.

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सोमवार को 40 वर्षीय मोहम्मद रज्जाक आतंकवादियों के लक्षित हमले का शिकार हुए. आतंकियों ने रजाक को थानामंडी क्षेत्र में उनके गांव की एक मस्जिद के बाहर गोली मार दी. दो दशक पहले आतंकियों ने उनके पति की भी हत्या कर दी थी. बताया गया है कि रजाक के भाई कथित तौर पर टेरिटोरियल आर्मी में शामिल थे. इस कारण आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया.

इस घटना से पहले, 17 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर राजू शाह को गोली मार दी थी. बाद में 35 वर्षीय शाह ने दम तोड़ दिया था. इसके अगले ही दिन महबूबा मुफ्ती और मियां अल्ताफ ने अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. लेकिन इस आतंकी घटना ने चुनाव से पहले क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया.

इससे पहले 8 अप्रैल को, आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में गैर-कश्मीरी कैब चालक परमजीत सिंह को निशाना बनाया था. दिल्ली निवासी सिंह हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे लेकिन बच गए. इन आतंकी घटनाओं के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने अनंतनाग, राजौरी, पुंछ और आसपास के जिलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है.

डीजीपी ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ की बैठक
कश्मीर के कई नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए इन आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है. दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने अनंतनाग-राजौरी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. चुनाव से पहले सुरक्षा पर चिंताओं पर चर्चा के लिए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने रविवार को अनंतनाग में सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक भी बुलाई थी. पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, चर्चा चुनावी तैयारियों, साजो-सामान व्यवस्था और सुरक्षा बलों के साथ समन्वय बढ़ाने पर केंद्रित रही. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आतंकियों से सख्ती से निपटने पर जोर दिया और प्रवासी श्रमिकों और निवासियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया.

चुनाव को देखते हुए बढ़ाई गई निगरानी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर कहा कि हम जानते हैं कि गलती की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि बैठक में मजबूत निगरानी और सक्रिय उपायों से सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया. अधिकारी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और अन्य निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जा रहा है. सुरक्षा बल क्षेत्र में नियमित अभ्यास कर रहे हैं. इसके साथ ही ड्रोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के जरिये भी निगरानी बढ़ाई जा रही है. हत्याओं और हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.

हम शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करेंगे...
उन्होंने आगे कहा, सोमवार को सुरक्षा बलों ने पुंछ जिले के हरि बुद्ध इलाके से एक स्कूल प्रधानाध्यापक को पकड़ा था. उसके घर से एक विदेशी निर्मित पिस्तौल, गोला-बारूद और दो चीनी ग्रेनेड जब्त किए हैं. प्रारंभिक जांच के अनुसार वह आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहा था और चुनाव को बाधित करने की साजिश का हिस्सा था. एफआईआर दर्ज की गई और मामले में जांच चल रही है. हम शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करेंगे.

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