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केंद्र को झटका! स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन की अनुमति को लेकर याचिका, SC रजिस्ट्रार ने अस्वीकार किया - supreme court on 2G Case verdict

Supreme Court: केंद्र के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने 2G स्पेक्ट्रम मामले में 2012 के फैसले पर स्पष्टीकरण के लिए केंद्र सरकार की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.

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By Sumit Saxena

Published : May 1, 2024, 8:26 PM IST

Updated : May 1, 2024, 9:00 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने कुछ विशेष मामलों में स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन की अनुमति देने की केंद्र सरकार की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. यह इनकार केंद्र के लिए बड़ झटका माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में फैसला सुनाया था. फैसले में कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय संसाधन होने की वजह से फ्रीक्वेंसी की नीलामी की जानी चाहिए. रजिस्ट्रार ने कहा कि सरकार स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में 2012 के आदेश की समीक्षा की मांग कर रही थी. जिसे रजिस्ट्रार ने गलत करार देते हुए खारिज कर दिया. रजिस्ट्रार ने कहा कि 'आवेदन विचार किए जाने के लिए किसी भी उचित कारण का खुलासा नहीं करता है.

केंद्र को झटका!
बता दें कि, केंद्र ने नीलामी पद्धति से छूट देने का दबाव बनाते हुए 2जी स्पेक्ट्रम मामले में अपने फैसले में संशोधन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि इसमें स्पष्टीकरण की तत्काल आवश्यकता है. रजिस्ट्रार ने कहा कि सरकार स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में 2012 के आदेश की समीक्षा की मांग कर रही थी. रजिस्ट्रार ने कहा कि, लंबी अवधि के बाद सरकार की याचिका पर विचार करने के लिए कोई उचित कारण नहीं था. रजिस्ट्रार ने सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश XV नियम 5 के प्रावधानों के तहत केंद्र का आवेदन प्राप्त करने से इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने याचिका स्वीकार नहीं की
इस प्रावधान के तहत रजिस्ट्रार याचिका स्वीकार करने से इनकार कर सकता है. हालांकि, याचिकाकर्ता इस तरह के आदेश के 15 दिनों के अंदर, प्रस्ताव के माध्यम से अपील कर सकता है. जानकारी के मुताबिक, केंद्र के पास रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील करने के भी उपाय हैं. वहीं, रजिस्ट्रार के आदेश में कहा गया है कि मिसलेनियस एप्लीकेशन (एमए) में की गई प्रार्थना के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आवेदक वर्तमान आवेदन दाखिल करने की आड़ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश की समीक्षा की मांग करना चाहता है.

2012 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
केंद्र के आवेदन में शीर्ष अदालत से उचित स्पष्टीकरण जारी करने का आग्रह किया गया कि सरकार कानून के अनुसार उचित प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित होने पर प्रशासनिक प्रक्रिया की सहायता से स्पेक्ट्रम के असाइनमेंट पर विचार कर सकती है. आवेदन में कहा गया है कि स्पेक्ट्रम का असाइनमेंट न केवल कमर्शियल दूरसंचार सेवाओं के लिए आवश्यक है, बल्कि संप्रभु और सार्वजनिक हित कार्यों जैसे कि सुरक्षा, आपदा तैयारी, गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए भी आवश्यक है. सरकार के याचिका में यह भी जोड़ा गया कि, इस तरह के गैर-व्यावसायिक उपयोग पूरी तरह से आम भलाई की सेवा के दायरे में आएगा. बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को दिए अपने फैसले में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री के रूप में ए राजा के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कंपनियों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे.

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Last Updated : May 1, 2024, 9:00 PM IST

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