नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका को सुनने पर सहमति जताई, जिसमें पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को लागू करने की मांग की गई है. इस अधिनियम के तहत किसी स्थान का धार्मिक चरित्र वैसा ही बनाए रखने की बात कही गई है, जैसा वह 15 अगस्त, 1947 को था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह मामला आया, जिसमें जस्टिस संजय कुमार शामिल थे. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष ओवैसी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता निजाम पाशा ने कहा कि अदालत इस मुद्दे पर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है और नई याचिका को भी उनके साथ जोड़ा जा सकता है.
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि हैदराबाद के सांसद ओवैसी की नई याचिका को इस मामले पर लंबित मामलों के साथ जोड़ा जाए. पीठ ने कहा कि इस पर 17 फरवरी को उनके समक्ष विचार किया जाएगा.