नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डुप्लिकेट मतदाता प्रविष्टियों और मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने का मुद्दा उठाने वाली याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने एक व्यापक हलफनामा दायर किया है, जहां उसने जनसांख्यिकी रूप से समान प्रविष्टियों और फोटो समान प्रविष्टियों के मामले में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को स्पष्ट किया है. हालांकि, याचिकाकर्ता एनजीओ संविधान बचाओ ट्रस्ट के वकील ने जोर देकर कहा कि ईसीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा वाली बेंच ने कहा कि पीठ ईसीआई की प्रतिक्रिया से संतुष्ट है और मामले में किसी और निर्देश की आवश्यकता नहीं है. पीठ ने कहा, 'हम तदनुसार इस स्तर पर कार्यवाही बंद कर देते हैं.'
5 फरवरी को शीर्ष अदालत ने ईसीआई को याचिकाकर्ता के वकील के सवाल पर एक संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. आज सुनवाई के दौरान सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि ईसीआई ने कार्रवाई की है और विस्तृत जवाब दाखिल किया है.ईसीआई ने एक संक्षिप्त नोट में कहा, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर सत्यापन के दौरान, अन्य लोगों के अलावा, समाप्त/स्थानांतरित/दोहराए गए मतदाताओं के संबंध में जानकारी भी ऑफ़लाइन/ऑन-लाइन के माध्यम से एकत्र की गई थी.
ईसीआई ने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान, सीईओ/डीईओ के साथ विभिन्न बैठकें (ऑफ लाइन/ऑन लाइन) भी आयोजित की गईं, जिसमें एकाधिक/डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाने के संबंध में सभी निर्देश दोहराए गए.