रांची/धनबाद/दुमका/गिरिडीह: आज सीएम हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के खाते में 2500 रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी. पैसे मिलते ही लाभुकों के चेहरे पर खुशी छा गई. लेकिन वहीं, सीएम हेमंत सोरेन से राज्य की एक बड़ी आबादी को अभी भी उम्मीद है कि जिस तरह मंईयां सम्मान की राशि जारी की गई, उसी तरह उनकी समस्याओं का भी समाधान हो. हम बात कर रहे हैं सर्वजन पेंशन के लाभुकों की.
दरअसल, एक तरफ मंईयां सम्मान योजना के तहत 1000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया, जो आज भेज भी दिया गया. वहीं, सर्वजन पेंशन के कई लाभुकों का कहना है कि उन्हें कई महीनों से पेंशन की राशि नहीं मिल रही है. इससे उनके सामने परेशानी खड़ी हो गई है. वे सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. वहीं, कई लाभुकों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उनकी समस्याओं का भी समाधान करेगी.
सर्वजन पेंशन योजना के तहत सरकार बुजुर्ग, दिव्यांग, परित्यक्ता, एकल महिला और विधवा आदि को 1000 रुपए प्रति महीने देती है है. लेकिन कई महीनों से ये राशि लाभुकों को नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत संवाददाताओं ने अलग-अलग जिलों से ऐसे ही लाभुकों से बात की और उनकी परेशानियां और उनकी राय जानने की कोशिश की.
रांची में कुछ खुश हैं तो कई सरकार से लगा रहे गुहार
सर्वजन पेंशन योजना का हाल जानने ईटीवी भारत की टीम रांची के हरमू टुंगरी टोली, चापूटोली, अरगोड़ा टुंगरी टोली जैसे गांवों में गई. ईटीवी भारत को मिले ज्यादातर बुजुर्ग, वृद्ध और विधवा महिलाओं ने कहा कि उन्हें सर्वजन पेंशन के रूप में हर महीने 1000 रुपये की राशि मिल रही है. वहीं कुछ बुजुर्ग ऐसे भी मिले जिन्हें आज तक इस योजना का लाभ नहीं मिला.
एक वृद्ध महिला ने बताया कि पिछले महीने उनके बैंक खाते में पेंशन की राशि आई थी और उन्होंने बैंक जाकर उस खाते से दो हजार रुपये भी निकाले थे. वहीं उसी गांव की एक वृद्ध विधवा जत्री का कहना है कि वह अपनी विधवा पेंशन की राशि हर महीने नहीं बल्कि हर दो से तीन महीने में निकालती हैं. उन्होंने बताया कि अशोक नगर स्थित उनके बैंक खाते में राशि आई है. क्या वह ईटीवी भारत के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कुछ कहना चाहती हैं? इस सवाल के जवाब में अधिकांश महिला लाभार्थी चेहरे पर मुस्कान के साथ कहती हैं कि जब उन्हें पैसे मिल ही रहे हैं तो उनसे क्या कहें?
रांची के चापूटोली में एक फूस के घर के बाहर बैठी वृद्ध और विधवा महिला पालो तिर्की को अब तक न तो वृद्धा पेंशन की राशि मिली है और न ही विधवा पेंशन. लेकिन उन्हें भरोसा है कि अब उन्हें विधवा पेंशन की राशि जरूर मिलेगी और घर चलाने में थोड़ी राहत मिलेगी.
सर्वजन पेंशन की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गांव में आम लोगों के दरवाजे पर पहुंची. अरगोड़ा टुंगरी टोली में 65 वर्षीय होड्डा तिर्की और उनकी 55-60 वर्षीय पत्नी बुधनी तिर्की से मुलाकात की. दोनों को आज तक वृद्धा पेंशन का कोई लाभ नहीं मिला है.
कुछ साल पहले तक इस बुजुर्ग दंपती को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलता था लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह भी बंद है क्योंकि राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है. होड्डा तिर्की उम्र संबंधी बीमारियों के कारण ज्यादा चल-फिर नहीं पाते हैं लेकिन गांव में वृद्धा पेंशन का फॉर्म भरने आने वाले लोग यह कहकर आगे बढ़ जाते हैं कि दोनों की उम्र अभी वृद्धा पेंशन पाने की नहीं हुई है. जबकि हेमंत सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन पाने की आयु सीमा घटाकर 50 वर्ष कर दी है.
धनबाद में कई महीनों से नहीं मिली पेंशन की राशि
धनबाद में भी ईटीवी भारत ने सर्वजन पेंशन योजना से प्रभावित लोगों से बात कर उनका हाल जानने की कोशिश की. इस दौरान लाभुकों ने अपनी पीड़ा बताई. बिजोला देवी ने बताया कि पिछले तीन महीने से उन्हें विधवा पेंशन का पैसा नहीं मिल रहा है. उन्हें सिर्फ पांच किलो चावल मिलता है. इसी से गुजारा होता है.
वहीं उन्होंने कहा कि उनकी बहू उनके साथ मारपीट करती है. जब पैसा मिलता था तो वह उसका ठीक से ख्याल रखती थी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमें हमारा पेंशन का पैसा दे देती तो आज हमें प्रताड़ना नहीं झेलनी पड़ती. बिजोला ने सरकार से पेंशन की राशि देने की मांग की है.