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सप्तक की सह-संस्थापक और सितार वादक मंजू मेहता का निधन, संगीत जगत को अपूर्णीय क्षति - Manju Mehta Passes Away

सप्तक की सह-संस्थापक और सितार वादक मंजू नंदन मेहता, जिन्हें दुनिया भर में शास्त्रीय संगीत का प्रतीक माना जाता है, उनका आज 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया. विश्व प्रसिद्ध महिला सितार वादक के रूप में मंजू मेहता के जीवन के कई पहलू प्रेरणादायक हैं. जानिए कौन थीं विदुषी मंजू मेहता...

Sitar player Manju Mehta
सितार वादक मंजू मेहता (फोटो - Facebook/Manju Mehta)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 20, 2024, 5:09 PM IST

अहमदाबाद: मंजू मेहता सितार वादक थीं. वह पंडित रविशंकर जी की शिष्य थीं. मंजू मेहता का जन्म 21 मई 1945 को जयपुर के एक संगीत प्रेमी परिवार में हुआ था. मंजू मेहता की मां चंद्रकला भट्ट ने भी संगीत की कला सीखी थी. उनके पिता मनमोहन भट्ट पंडित भी संगीत के भक्त थे और उन्होंने कई विदेशियों को भारतीय संगीत सिखाया था.

मंजू मेहता के बड़े भाई पंडित शशि मोहन भट्ट संगीत क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं. मंजू मेहता का अहमदाबाद के तबला वादक स्व. नंदन मेहता से विवाह हुआ और अपने पूरे जीवन में बेल्दी ने विभिन्न संगीत प्रेमियों के साथ सप्तक जैसे संगीत वाद्ययंत्रों के साथ एक संगीत महाकुंभ की स्थापना की.

मंजू मेहता को बचपन से था सितार के प्रति लगाव: मंजू मेहता को सितार के प्रति लगाव बचपन से था. उन्होंने महज 11 साल की उम्र में बच्चों के एक कार्यक्रम में सितार बजाकर सितार के प्रति अपना प्यार दिखाया. संगीत के क्षेत्र में गुरु के मार्गदर्शन में उनकी साधना निरंतर आगे बढ़ती रही. मंजू मेहता को पंडित रविशंकरजी के साथ-साथ मंडित दामोदरला काबराजी के साथ संगीत सीखने का अवसर मिला.

संगीत साधना के साथ-साथ मंजू मेहता ने गंधर्व महाविद्यालय से संगीत में मास्टर डिग्री में प्रथम स्थान प्राप्त किया. उन्होंने संगीत कला के प्रसार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया. साल 1967 में नंदन मेहता से शादी हुई और 1980 में विश्व प्रसिद्ध सप्तक स्कूल ऑफ म्यूजिक इंस्टीट्यूट की ट्रस्टी बनकर उन्होंने संगीत जगत को हर साल विभिन्न कला गुरुओं को विकसित करने का अवसर दिया.

कलाकार से संगीत के महाकुंभ सप्तक तक का सफर: मंजू मेहता ने सबसे पहले सितार की तालीम अपने ही बड़े भाई से ली. मैहर घराने की सितार वादक के रूप में मंजू मेहता का पहला परफॉर्मेंस 1964 में जयपुर में हुआ था. अपने 79 साल के जीवन सफर में मंजू मेहता ने कई कार्यक्रम देकर दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में खास जगह बनाई. आकाशवाणी ने मंजू मेहता को पूरे देश में प्रथम स्थान दिया. मंजू मेहता को संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें गुजरात राज्य गौरव पुरस्कार भी मिला.

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