नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में गुरुवार को फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' प्रजेंट की गई. फिल्म शुरू होने के कुछ ही देर बाद पत्थरबाजी होने की खबर आई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि लेफ्ट की तरफ के पत्थरबाजी की गई है. फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्थिति को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं घटना के खिलाफ एबीवीपी (जेएनयू) के सदस्यों सहित छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और नारे भी लगाए.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले की निंदा:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जेएनयू में द साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग के दौरान हुए हमले की कड़ी निंदा की है. एबीवीपी ने कहा है, "अज्ञात बदमाशों द्वारा शांतिपूर्ण दर्शकों पर पथराव किया गया, जिससे सैकड़ों छात्रों और उपस्थित लोगों की जान जोखिम में पड़ गई. यह बर्बर कृत्य न केवल व्यक्तियों के एक समूह पर हमला है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है, जिसके लिए यह विश्वविद्यालय जाना जाता है.
असुरक्षा को दर्शाती है घटना: यह भी कहा गया कि 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग सच्चाई को उजागर करने और हमारे देश के तथाकथित बौद्धिक अभिजात वर्ग द्वारा जानबूझकर चुप कराए गए विषयों पर चर्चा को प्रज्वलित करने की दिशा में एक कदम था. हालांकि, यह घटना हमारे परिसर में कुछ भारत-विरोधी, हिंदू-विरोधी ताकतों की असहिष्णुता और असुरक्षा को दर्शाती है, जो धर्म, धार्मिकता और सत्य के पुरुत्थान से डरते हैं."
कुछ छात्रों को मामूली चोटें आई हैं. स्क्रीनिंग को कुछ देर के लिए रोक दी गई थी, लेकिन कुछ समय बाद इसे फिर से शुरू कर दिया गया. गुरुवार शाम सैकड़ों छात्र फिल्म देख रहे थे तभी कुछ लोगों ने उनपर पथराव शुरू कर दिया. इस बाबत हम दिल्ली पुलिस को शिकायत देंगे और जेएनयू प्रशासन से मांग करेंगे कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है, उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.- राजेश्वर कांत दुबे, जेएनयू के एबीवीपी विंग के अध्यक्ष