कोरिया:कहते जब बुरा वक्त आता तब अपनों का असली चेहरा सामने आता है. आपके सुख में हर कोई भागीदार बनता है. आप दूसरों की खुशी के लिए उनकी इच्छाओं को पूरी करते हैं.लेकिन जब विपत्ति आपको घेरती है,तो ज्यादातर इंसान खुद को भीड़ में अकेला पाता है. ऐसा ही कुछ मामला कोरिया जिले में सामने आया.जहां पति के इलाज में अपनी जमा पूंजी गंवाने के बाद जब उसकी मौत हुई तो अंतिम संस्कार में मदद के लिए रिश्तेदारों ने डिमांड रख दी. डिमांड ऐसी कि यदि पत्नी उसे पूरा करती तो शायद सिर के ऊपर छत और आने वाले समय में जिंदगी की थपेड़ों को सहने के लिए कोई आसरा ना बचता.
पत्नी ने पति की चिता को दी मुखाग्नि:कोरिया के करजी इलाके में मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक महिला ने अपने पति का अंतिम संस्कार खुद किया. दंपती का कोई बेटा नहीं था. इसलिए महिला को पति के अंतिम विदाई की बड़ी जिम्मेदारी खुद उठानी पड़ी. महिला का पति लंबे समय से कैंसर से पीड़ित था. परिवार के पास इलाज के पैसे नहीं थे. इसलिए महिला ने जमीन बेचकर अपने पति का इलाज करवाया.लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. पति के महंगे इलाज के बाद भी पत्नी के हाथ कुछ ना आया.क्योंकि काल ने उसके पति को उससे छीन लिया.