देहरादून: उत्तराखंड में जंगलों की आग लगातार बढ़ रही है. सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग इस आग को बुझाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नतीजा फिलहाल कुछ अधिक दिखाई नहीं दे रहा है. चारधाम यात्रा शुरू होने में अब सिर्फ 8 दिन बाकी हैं. ऐसे में यहां के स्थानीय निवासी और व्यापारियों को चिंता सताने लगी है कि अगर पहाड़ों में आग ऐसे ही लगती रही और आने वाले लोगों तक यही खबरें पहुंचती रही, तो कहीं ऐसा ना हो कि जिन लोगों ने चारधाम यात्रा के लिए बुकिंग करवाई है, वह बुकिंग कैंसिल ना करवाने लगें. इतना ही नहीं कई यात्री आग की खबरों के बीच दोबारा से कॉल करके चारधाम यात्रा पर आने का अपडेट भी ले रहे हैं.
व्यापारियों को लग रहा है डर, आ रही हैं ऐसी फोन कॉल:आग की खबरों से कुमाऊं के पर्यटन व्यवसाय को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. खासकर नैनीताल और आसपास में लगी आग की वजह से कई लोग बुकिंग करवाने से पहले होटल और टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोगों से अपडेट ले रहे हैं. दिन प्रतिदिन आग की जिस तरह की तस्वीर उत्तराखंड से बाहर आ रही हैं, उससे सभी को चिंता सता रही है. उत्तराखंड में टैक्सी व्यवसाय से जुड़े सुमित श्रीकुंज कहते हैं सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि उत्तराखंड में जिस तरह की आग की खबरें लगातार फैल रही हैं, उससे व्यापारी काफी चिंतित हैं. कई लोग टैक्सी बुकिंग करवाने के बाद इस बात के लिए भी चिंतित हैं, कि अगर वह उत्तराखंड आ रहे हैं तो सब कुछ सुरक्षित है या नहीं. सुमित कहते हैं कि हम लगातार लोगों से एक ही बात कह रहे हैं कि आग की खबर सही है, लेकिन उससे आपकी यात्रा पर किसी तरह का कोई प्रभाव या फर्क नहीं पड़ेगा. सुमित श्रीकुंज सरकार और प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि सरकार को उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को यह आश्वासन देना चाहिए कि आग से किसी तरह का कोई भी नुकसान उनकी यात्रा के दौरान उनको नहीं होगा.
भक्त ले जाएं अच्छी तस्वीर, धुंए या आग की छवि नहीं:श्रीनगर के रहने वाले आचार्य नवीन कहते हैं वह आसपास के इलाकों में देख रहे हैं कि लगातार जंगल जल रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले लाखों लोग चारधाम के भक्ति सड़क मार्ग से जब जाते हैं तो कई जगहों पर वह खूबसूरत जगह देखकर रुक जाते हैं. वहां पर समय बिताते हैं. लेकिन अब देखने में यह आ रहा है कि कई जगहों पर तो पेड़ काट दिए गए हैं और जहां पर पेड़ हैं वहां पर आग नीचे तक आ रही है. चारों तरफ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा है. ऐसे में प्रशासन और सरकार को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए. हालांकि आचार्य नवीन यह भी कहते हैं कि चारधाम आने वाले यात्रियों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. यात्रा मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित हैं. आग लगाने वालों के खिलाफ सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी कर रहे हैं.
नैनीताल में बदला माहौल:नैनीताल और आसपास के इलाकों में तीन दिन पहले हल्की-फुल्की बारिश ने यह उम्मीद जताई थी कि आग लगने की घटना में कमी आएगी और मौसम भी अच्छा हो जाएगा. लेकिन कुछ घंटे की बारिश के बाद अगले दिन दोबारा से नैनीताल और आसपास के इलाकों में आग की घटनाएं रिकॉर्ड की गईं. आग लगने से पर्यावरण में किस तरह का प्रभाव पड़ रहा है, इसका अंदाजा तब लगा जब नैनीताल अल्मोड़ा और बागेश्वर के आसमान में हल्के नीले रंग की धुंध छाने लगी. नैनीताल में तो वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 तक पहुंच गया. ऐसा ही कुछ हाल उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी के आसपास के इलाकों का भी है. यह वह इलाके हैं जो चारधाम यात्रा के रूट पर हैं. लिहाजा अगर यहां की वनाग्नि की घटनाएं जल्द नहीं रुकी तो यात्रा पर भी इसका असर पड़ सकता है.